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आधा दर्जन डिपो का होगा तालाबन्द..चलेगा भण्डारण अधिनियम का चाबुक…रतनपुर क्षेत्र के संचालकों का रद्द होगा लायसेन्स

भण्डारण लायसेंस होगा निरस्त..डिपो को किया जाएगा ब्लैक लिस्ट

बिलासपुर—- रतनपुर क्षेत्र के करीब आधा से एक दर्जन के बीच कोल डिपो को बन्द कर दिया जाएगा। खनिज भण्डारण अधिनियम 2009 के तहत ऐसे कोलडिपो को लायसेन्स या तो निरस्त किया जाएगा। अथवा लायसेन्स का रीनिवल नहीं होगा। मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के आदेश पर जिला प्रशासन ने ऐसे सभी कोल प्लाट का सर्वेक्षण करने को कहा है जो कोरबा जिला स्थित जमुनापाली खदान से 25 किलोमीटर हवाई दायरे में आते हैं। बताया जा रहा है कि सेन्दरी तक यदि कोयला भण्डारण का काम करता है तो उनका लायसेैन्स निरस्त होगा। यदि संचालक ने दबाव बनाने का प्रयास किया तो लायसेैन्स हमेशा की तरह ब्लैक् लिस्ट कर दिया जाएगा। बहरहाल रायपुर से फरमान जारी होने के बाद रतनपुर क्षेत्र के आधार से एक दर्जन वैध अवैध कोयला डिपो पर गाज गिरना निश्चित हो गया। सुना जा रहा है कि पुलिस ने भी नियम के तहत कार्रवाई बनाने का मन बना लिया है। 

 क्या है कोयला भण्डारण का फार्मूला

किसी खदान के 25 किलोमीटर हवाई दायरे में कोयला भण्डारण करना माइनिंग अधिनियम 2009 और 2017 के तहत अपराध है। बावजूद इसके यदि कोयला डिपो का संचालन होते पाया गया तो कोल स्टोरेज गाइडलाइंस 2022 के अनुसार, 24 घंटे के अन्दर कोयला भण्डारण करने वाले प्लाट संचालक का ना केवल लायसेंस निरस्त होगा।  बल्कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कठोर कार्रवाई भी होगी।

कोयला डिपो का होगा सर्वे

जानकारी देते चलें कि कोरबा जिला स्थित जमुनापाली में भारत सरकार का कोयला खदान संचालित होता है। कोयला भण्डारण एक्ट 2009 और कोल माइन्स रेग्युलेशन 2017 के अनुसार खदान के 25 किलोमीटर हवाई दायरे में किसी को कोयला भण्डारण की अनुमति नहीं है। यदि इसके पहले से कोई संचालक भण्डारण का काम करता है तो उसका लायसेन्स का निरस्त होना निश्चित है। क्योंकि अधिनियम का पालन कठोरता से किया जाना निश्चित किया गया है। बावजूद इसके बेलतरा से रतनपुर और सेन्दरी क्षेत्र में धड़ल्ले से कोयला भण्डारण का वैध अवैध खेल धड़ल्ले से जारी है। जानकारी मिल रही है कि रायपुर के आदेश पर ऐसे सभी वैध अवैध कोयला डिपो का ना केवल सर्वे होगा..बल्कि उनका लायसेन्स तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा।  

भण़्डारण लायसेन्स करेंगे निरस्त

बताते चलें कि जमुनापाली खदान खुलने के बाद अधिनियम के अनुसार सेन्दरी तक कोई कोयला डिपो संचालक कोयला का भण्डार नहीं कर सकता है। बावजूद इसके करीब एक दर्जन वैध अवैध कोयला डिपो का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। माइनिंग के उच्च अधिकारी डॉ. डीके मिश्रा ने बताया कि करीब आधा दर्जन रतनपुर क्षेत्र में कोयला डिपो का संचालन किया जा रहा है। जल्द ही मामले को संज्ञान में लेकर लायसेन्स को जरूरत पड़ने पर निरस्त किया जाएगा। लायसेन्स रीनिवल कार्रवाई पर रोक लगाएंगे।

कठोर नियमों के तहत कार्रवाई

खनिज विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया कि अधिनियम के तहत ही लायसेन्स देते हैं। जमुनापाली खदान से 25 किलोमीटर एअर डिस्टेन्स में सेन्दरी क्षेत्र तक कोई भी कोयला भण्डारण नहीं कर सकता है। अवैध करते पाए जाने पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। रतनपुर क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक कोयला डिपो का संचालन होता है..अधिनियम के अनुसार सभी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। निर्देश का पालन नहीं करने पर डिपो को ब्लैक लिस्ट कर अन्य जगह के लिए भी लायसेन्स नहीं दिया जाएगा।

 माइनिंग के एक आलाधिकारी ने बताया कि अधिनियम के तहत कोयला डिपो संचालकों के खिलाफ 2 लाख रूपयों का जुर्माना लगाया जा सकता है। विभाग चाहे तो डिपो को ब्लैक लिस्ट कर वर्तमान लाइसेंस को तत्काल रद्द कर सकता है। जेल का भी प्रावाधान है।

 पुलिस की रणनीति तैयार

अधिनियम जानकारी के बाद पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। बताया जा रहा है कि वरिष्ठ पुलिस कप्तान रतनपुर क्षेत्र में कोयला का दुकान सजाकर बैठे कोल माफियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। खासकर रतनपुर क्षेत्र में कोयला चोरों ने पुलिस प्रशासन के नाक में दम कर दिया है। सूत्र ने बताया कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कलेक्टर से मिलकर कोयला प्लाट संचालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की रणनीति तैयार किया है। देखने वाली बात होगी कि अधिनियम के खिलाफ कोल डिपो संचालित करने वालों के खिलाफ पुलिस कब कार्रवाई करती है।

क्षेत्र में सर्वाधिक कोयला अफरा तफरी

बताते चलें कि बेलतरा से लेकर रतनपुर तक सर्वाधिक कोयला चोरी का मामला पुलिस के सामने आता है। पिछले दिनों फिल कोल वाशरी का कोयला चोरी हुआ। प्लाट संचालकों ने अच्छा कोयला चोरी कर डोलोमाइट भर दिया। शिकायत के बाद पुलिस ने कोयला चोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस बड़ी कार्रवाई को तैयार

           जानकारी हो कि कई कोयला डिपो में आज भी चोरी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। निचले स्तर पर पुलिस मिलीभगत से कोयला चोर बार बार बचने में कामयाब भी है। बहरहाल जानकारी मिल रही है कि इस बार उच्च स्तर पर कोई बड़ी कार्रवाई निश्चित है।

अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

माइनिंग के उच्च अधिकारी डॉ.दिनेश कुमार मिश्रा ने कहा कि अधिनियम के तहत 25 किलोमीटर कोयला खदान से एअर डिस्टेन्स में कोयला भण्डारण  अपराध है। कई लोंगो का लायसेन्स निरस्त किया गया है। सभी को स्पष्ट भी किया गया है कि लायसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा। बावजूद इसके कोई अवैध डिपो संचालन करते पाया गया तो कठोर कानूनी कार्रवाई होगी।

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