Chhattisgarh

CG News: सेक्स सीडी कांड में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ी राहत

Cg news।छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ी राहत मिली है. रायपुर की अदालत ने उन्हें इस मामले में सारे आरोपों से बरी कर दिया है.

सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी धाराएं हटाते हुए कहा कि भूपेश बघेल के खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अदालत के आदेश के बाद X पर लिखा-सत्यमेव जयते.

गौरतलब है कि 27 अक्तूबर 2017 को देर रात छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग़ाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किया था.

आरोप था कि उन्होंने तब के मंत्री राजेश मूणत की एक अश्लील सीडी बनाई है. पुलिस ने दावा किया कि उनके निवास से इस वीडियो क्लिप की 500 सीडी और 2 लाख रूपए जब्त किए गए हैं.


पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तब पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल थे. इस दौरान उनके बंगले में सुबह 6 बजे एक प्रेस कांफ्रेंस रखी गई. जिसमें मीडिया को एक सीडी बांटी थी. इस सीडी में दिखाए गए  वीडियो को  लेकर भूपेश ने दावा किया कि महिला के साथ बेहद आपत्तिजनक स्थिति में दिखने वाला व्यक्ति मंत्री राजेश मूणत हैं. इसके बाद देखते देखते यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

इस सीडी के सामने आने के कुछ ही घण्टों के अंदर मंत्री मूणत ने इसका खंडन करते हुए सीडी को फर्जी बताया और मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की. भाजपा ने इसे कांग्रेस का षड्यंत्र बताते हुए इसे गंदी राजनीति कहा था.

मामले में रायपुर के भाजपा नेता प्रकाश बजाज ने रायपुर के पंडरी थाने में रिपोर्ट दर्ज़ कराई थी कि उन्हें एक फ़ोन आया, जिसमें उनके ‘आका’ की सेक्स सीडी बनाने की बात कही गई. प्रकाश बजाज की एफ़आईआर में विनोद वर्मा के नाम का ज़िक्र नहीं था लेकिन एक दुकान का ज़िक्र था, जहां पर कथित तौर पर सीडी की नकल बनाई जा रही थी.

ये एफ़आईआर 26 अक्तूबर की दोपहर साढ़े तीन बजे के आस पास दर्ज की गई थी और इस रिपोर्ट के दर्ज होने के लगभग 11 घंटों के भीतर ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने दिल्ली जा कर कथित दुकानदार, फ़ोन करने वाले की जानकारी, तमाम फुटेज एकत्र कर लिये और फिर वहां से गाज़ियाबाद पहुंचकर विनोद वर्मा को गिरफ़्तार भी कर लिया था.

इस सीडी केस में तब के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और अब पूर्व मुख्यमंत्री हो चुके भूपेश बघेल और पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ अश्लील सीडी बनाने और उसे बांटने के अलावा कथित रुप से फिरौती मांगने का आरोप लगाया गया था. तब के मंत्री राजेश मूणत ने भी 27 अक्टूबर 2017 को ये रिपोर्ट लिखवाई थी.

इस मामले में 60 दिनों के भीतर सीबीआई विनोद वर्मा के मामले में चालान पेश नहीं कर पाई थी. जिसके कारण 28 दिसंबर 2017 को विनोद वर्मा को ज़मानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया गया. विनोद वर्मा तब से इस मामले में जमानत पर हैं.

अगले साल यानी सितंबर 2018 में भूपेश बघेल को भी इस मामले में गिरफ़्तार किया गया और भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इंकार कर दिया. यही कारण है कि इस मामले में भूपेश बघेल को जेल भेज दिया गया था.

लेकिन यह चुनावी साल था और भूपेश बघेल को जमानत मिली. फिर इस गिरफ़्तारी के तीन महीने के भीतर भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

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