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Contract Employees Regularization News : बिहार में संविदा कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा तोहफा! जल्द मिल सकता है सरकारी कर्मचारी का दर्जा

संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की मांग अब केवल बिहार तक सीमित नहीं रही, यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने लगा है और राज्यसभा तक पहुंच चुका है। हालांकि बिहार सरकार पहले भी इस दिशा में कदम उठा चुकी है।

Contract Employees Regularization News।पटना।बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार संविदा कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। प्रदेश में वर्षों से ठेके पर काम कर रहे हजारों कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है।

सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने का मन बना लिया है। इसके लिए दो अहम बैठकें भी हो चुकी हैं, जिनमें मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों के बीच विस्तृत चर्चा हुई है।

संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की मांग अब केवल बिहार तक सीमित नहीं रही, यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने लगा है और राज्यसभा तक पहुंच चुका है। हालांकि बिहार सरकार पहले भी इस दिशा में कदम उठा चुकी है।

वर्ष 2015 में पूर्व मुख्य सचिव एके चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों की समीक्षा करना था। यह समिति कई बार कार्यकाल विस्तार के साथ 2020 तक सक्रिय रही और इसने संविदा सीमा 60 वर्ष तक करने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार भी कर लिया था। लेकिन तब कर्मचारियों को पूर्ण सरकारी दर्जा नहीं दिया गया था।

अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो सरकार एक बार फिर संविदा कर्मचारियों की सुध लेने को मजबूर नजर आ रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों की मानें तो हाल ही में हुई बैठकों में संविदा कर्मियों को सरकारी दर्जा देने पर गंभीर मंथन हुआ है।

प्रस्तावित योजना के तहत डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पदों को क्लर्क पद पर समायोजित किया जा सकता है। यह फैसला लागू होने के बाद लगभग 50 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी, जो सीएम सचिवालय से लेकर पंचायत स्तर तक कार्यरत हैं, उन्हें स्थायी नौकरी का लाभ मिल सकता है।

इस ऐलान से न केवल राज्य के संविदा कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार भी चुनावी मैदान में इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर सकती है। यदि सरकार समय रहते इस निर्णय को अमलीजामा पहना देती है, तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।

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