CG NEWS:CG शराब घोटालाः 22 आबकारी अधिकारी निलंबित, 29 अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश

CG NEWS:रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ₹2174 करोड़ के शराब घोटाले मामले में राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग ने इस निलंबन का आदेश जारी किया है।
यह कार्रवाई आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) द्वारा विशेष अदालत में 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ लगभग 2300 पन्नों का चालान पेश करने और न्यायालय द्वारा उसे स्वीकार करने के कुछ दिनों बाद हुई है। EOW ने इन 29 आरोपियों को समन जारी किया था, लेकिन गिरफ्तारी के डर से कोई भी अदालत में पेश नहीं हुआ। अब अदालत ने इन सभी आरोपियों को 20 अगस्त तक पेश होने का नोटिस जारी किया है।
निलंबित किए गए 22 अधिकारियों में शामिल हैं:
जनार्दन कौरव (सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
अनिमेष नेताम (उपायुक्त आबकारी)
विजय सेन शर्मा (उपायुक्त आबकारी)
अरविंद कुमार पाटले (उपायुक्त आबकारी)
प्रमोद कुमार नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी)
रामकृष्ण मिश्रा (सहायक आयुक्त आबकारी)
विकास कुमार गोस्वामी (सहायक आयुक्त आबकारी)
इकबाल खान (जिला आबकारी अधिकारी)
नितिन खंडुजा (सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
नवीन प्रताप सिंग तोमर (सहायक आयुक्त आबकारी)
मंजुश्री कसेर (सहायक आबकारी अधिकारी)
सौरभ बख्शी (सहायक आयुक्त आबकारी)
दिनकर वासनिक (सहायक आयुक्त आबकारी)
मोहित कुमार जायसवाल (अधिकारी जिला आबकारी)
नीतू नोतानी ठाकुर (उपायुक्त आबकारी)
गरीबपाल सिंह दर्दी (जिला आबकारी अधिकारी)
नोहर सिंह ठाकुर (उपायुक्त आबकारी)
सोनल नेताम (सहायक आयुक्त, आबकारी)
प्रकाश पाल (सहायक आयुक्त आबकारी)
अलेख राम सिदार (सहायक आयुक्त आबकारी)
आशीष कोसम (सहायक आयुक्त आबकारी)
राजेश जायसवाल (सहायक आयुक्त आबकारी)
इसके अलावा, 7 सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है:
ए.के. सिंग (जिला आबकारी अधिकारी – सेवानिवृत्त)
जे.आर. मंडावी (जिला आबकारी अधिकारी – सेवानिवृत्त)
जी.एस. नुरूटी (सहायक आयुक्त आबकारी – सेवानिवृत्त)
देवलाल वैष (जिला आबकारी अधिकारी – सेवानिवृत्त)
ए.के. अनंत (जिला आबकारी अधिकारी – सेवानिवृत्त)
वेदराम लहरे (सहायक आयुक्त आबकारी – सेवानिवृत्त)
एल.एल. ध्रुव (सहायक आयुक्त आबकारी – सेवानिवृत्त)
शराब घोटाला? यह घोटाला वर्ष 2019 से 2023 के बीच हुआ, जिसमें राज्य के 15 बड़े जिलों में तैनात आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने शासकीय शराब दुकानों के माध्यम से बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (जिसे “बी-पार्ट शराब” कहा जाता है) की समानांतर अवैध बिक्री की। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर, चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों में डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ बेचा जाता था। इस नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी, मंडल व वृत्त प्रभारी, और मैन पावर एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे।
घोटाले की राशि 3200 करोड़ से अधिक होने का अनुमान पहले इस घोटाले का अनुमान ₹2174 करोड़ रुपये था, लेकिन EOW/ACB द्वारा की गई जांच, 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर, यह अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत अब ₹3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
इस मामले में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। FIR के अनुसार, 70 आरोपी नामजद हैं। जांच में सामने आया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से यह सुनियोजित घोटाला किया गया था, जिससे उन्हें ₹64 करोड़ का अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ।
EOW/ACB द्वारा इस मामले की गहन जांच अभी भी जारी है, जिसमें विदेशी शराब में लिए गए सिंडिकेट कमीशन, धन शोधन के नेटवर्क और राज्य स्तरीय समन्वय तंत्र की परतें खोली जा रही हैं। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं।