CG NEWS:खाद की कमी को लेकर विधानसभा में हंगामा, गर्भगृह में नारेबाज़ी कर रहे कांग्रेस विधायक निलंबित

CG NEWS:रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को किसानों से जुड़े खाद के मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ। प्रदेश में खाद की आपूर्ति पर्याप्त नहीं होने और डीएपी खाद की कमी को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के गर्भ गृह में पहुंच गए। स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया। फिर भी नारेबाजी चलती रही तो आखिर में प्रश्न कल के आखिरी दौर में उन्होंने दोपहर 12 तक के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी।
विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि प्रदेश में डीएपी खाद की कितनी मांग ( टारगेट ) रहती है और कितनी आपूर्ति (सप्लाई) हुई है ? उन्होंने जिलावार जानकारी चाही थी। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या डीएपी खाद की कमी हुई है । यदि हां तो सरकार किसानों को डीएपी खाद किस कारण से उपलब्ध नहीं कर पा रही है। जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि मौजूदा खरीफ में प्रदेश के लिए भारत सरकार की ओर से 3 लाख 10 हज़ार मेट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अप्रैल से जून तक 2,19,100 मेट्रिक टन की सप्लाई भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। इसके विरुद्ध 30 जून तक 18155 मेट्रिक टन की आपूर्ति हुई है। पूर्व मौसम रबी के बचत स्टॉक को मिलाकर कुल एक लाख 4 हजार 900 मेट्रिक टन का भंडारण हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्तमान खरीफ मौसम में 30 जून तक जारी सप्लाई प्लान के विरुद्ध कम आपूर्ति परिलक्षित हो रही है। इस परिपेक्ष में किसानों के लिए वैकल्पिक फास्फेटिक उर्वरों का उर्वरकों का भंडारण कराया जा रहा है तथा उनके उपयोग हेतु कृषकों के मध्य के बीच प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने यह भी बताया कि भारत सरकार और आपूर्तिकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि डीएपी की कमी है। यह कमी सिर्फ छत्तीसगढ़ में नहीं है ।बल्कि देशभर में है। इसे देखते हुए नैनो डीएपी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि मंत्री का जवाब आने के बाद विधायक उमेश पटेल खड़े हुए और कहा कि छत्तीसगढ़ में मांग के अनुरूप 50 प्रतिशत ही डीएपी खाद का भंडारण हुआ है। उन्होंने जानना चाहा कि इसमें से कितने प्रतिशत सहकारी समितियां और कितने प्रतिशत निजी विक्रेताओं को खाद दिया गया है। जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि सरकारी समितियां को 64% खाद दिया गया है। इस दौरान सदन में टोका टाकी शुरू हो गई और स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मंत्री का जवाब आ रहा है जल्दबाजी न करें। उन्होंने भी सुझाव दिया कि डीएपी खाद की शत प्रतिशत व्यवस्था कर दें तो कोई दिक्कत नहीं होगी। कृषि मंत्री ने कहा कि वे सदन की भावना से सहमत हैं और एक हफ्ते के अंदर सभी कर्मियों को पूरा कर लेंगे।
विधायक उमेश पटेल ने फिर जानना चाहा कि निजी व्यापारियों को जो खाद दिया गया है, उसकी बिक्री में किस तरह की शिकायतें प्राप्त हुई है और क्या कार्रवाई की गई है। कृषि मंत्री ने इसका भी जवाब दिया। इस बीच कई विधायक खड़े हुए और कहा कि केवल निजी दुकानों में खाद मिल रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकारी समिति और निजी व्यापारियों के बीच खाद की बिक्री की यह व्यवस्था काफी पहले से चली आ रही है। इधर विधायक उमेश पटेल का कहना था कि निजी व्यापारी काफी अधिक दाम पर खाद बेच रहे हैं। सभी विधानसभा क्षेत्र में डीएपी की कमी है। इस दौरान कई विधायक खड़े हुए और नारेबाजी के साथ शोर शराबा शुरू हो गया। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायक नारे लगाने लगे – झूठे आरोप लगाना बंद करो। उधर विपक्ष के विधायक – किसान विरोधी यह सरकार नहीं चलेगी के नारे लगाए। लगातार शोर शराबा के बीच स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने 5 मिनट के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी।
कार्यवाही फिर शुरू हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विधायक उमेश पटेल ने प्रश्न किया था कि मांग के अनुरूप खाद का कम भंडारण किया गया है। उन्होंने सीधा सवाल किया कि निजी व्यापारियों को कितना और सरकारी समितियां को कितना खाद दिया गया है। जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि 64% खाद सहकारी समितियां को दिया गया है। भूपेश बघेल ने कहा कि फिर कालाबाजारी क्यों हो रही है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम जवाब दे रहे थे ।लेकिन इस बीच सदन में शोर शराबा चला रहा। स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कहा कि करीब 16-17 मिनट इस पर चर्चा हो चुकी है । जवाब आ गया है । अब इसमें कुछ नहीं बचा है। उन्होंने अगले प्रश्न की ओर इशारा किया। इसके बाद कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए।
उधर राजेश विधायक राजेश अग्रवाल का प्रश्न आ गया । वे सवाल करते रहे और मंत्री जवाब देते रहे। करीब 3 मिनट के बाद स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विधानसभा की नियमावली के मुताबिक अपना स्थान छोड़कर गर्भगृह में आए विधायक स्वयमेव निलंबित हो गए हैं। उन्होंने डॉ. चरण दास महंत, भूपेश बघेल, श्रीमती अनिला भेड़िया, उमेश पटेल, लखेश्वर बघेल, बालेश्वर साहू, भोलाराम साहू, लालजीत सिंह राठिया, श्रीमती उत्तरी जांगड़े ,दिलीप लहरिया, रामकुमार यादव, द्वारकाधीश यादव, श्रीमती अंबिका मरकाम, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्रीमती यशोदा नीलांबर वर्मा, इंद्र शाह मंडावी, श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी, विक्रम मंडावी, श्रीमती विद्यावती सिदार, फूल सिंह राठिया ,राघवेंद्र कुमार सिंह, शिवराज कश्यप, शेष राज हरबंस ,श्रीमती चातुरी नंद, श्रीमती अंबिका प्राण लहरे, संदीप साहू ,इंद्र साहू, ओंकार साहू, श्रीमती हर्षिता पटेल का नाम लेते हुए निलंबित सदस्यों से आग्रह किया कि सदन से बाहर चले जाएं ।
इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से नारेबाज़ी शुरू हुई -घड़ियाल आंसू बहाना बंद करो । उधर विधायक राजेश अग्रवाल अपनी ओर से सवाल करते रहे और मंत्री उनका जवाब देते रहे। कांग्रेस विधायकों ने निलंबन के बाद भी गर्भगृह में खड़े होकर लगातार नारेबाजी की ।इस बीच गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अध्यक्ष की ओर से निलंबन के बाद भी नारेबाजी की जा रही है, यह उचित व्यवस्था नहीं है। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने फिर कहा कि जो विधायक निलंबित हो गए हैं, वे कार्रवाई में सहयोग करें। फिर भी नारेबाजी चलती रही। उधर विधायक अजय चंद्राकर का सवाल भी आया और वित्त मंत्री ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल संबंधी उनके सवाल का जवाब देते रहे। इस बीच प्रश्न काल का समय समाप्त होने से कुछ देर पहले स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 साल की परंपरा के विपरीत असंसदीय व्यवहार किया जा रहा है। जबकि दो-तीन बार आग्रह किया जा चुका है। इस तरह 25 साल से स्थापित परंपरा की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने इसके बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी।