CG News: शिक्षक नेता के फर्जीवाड़ा केस में बड़ा एक्शन! लाखों के मेडिकल बिल घोटाले में संकुल समन्वयक पर FIR

Cg news।बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शिक्षा विभाग के एक बड़े मेडिकल बिल फर्जीवाड़ा मामले में आखिरकार पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
बिल्हा ब्लॉक के बीईओ (विकास खंड शिक्षा अधिकारी) भूपेंद्र कौशिक ने फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेजों के साथ सिटी कोतवाली थाने में आवेदन सौंपा, जिसके आधार पर शिक्षक नेता और पौंसरा संकुल समन्वयक साधेलाल पटेल के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है।
इस हेराफेरी में शामिल होने के आरोप में पटेल की हेडमास्टर पत्नी राजकुमारी पटेल पर भी पुलिस कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
शिक्षक एवं संकुल समन्वयक पौंसरा और छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के बिल्हा ब्लॉक अध्यक्ष साधेलाल पटेल पर फर्जी चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के जरिए लाखों रुपये का अवैध आहरण करने का आरोप है। विभागीय जांच में पाया गया कि पटेल ने स्वयं के नाम पर सिविल सर्जन से ₹7,73,564 का मेडिकल देयक स्वीकृत कराया, जबकि मूल बिल ₹77,000 का था और वह भी असीम वर्मा के नाम पर था।
इसी तरह, उन्होंने एक अन्य शिक्षक उमाशंकर चौधरी का ₹5,42,535 का फर्जी बिल भी स्वीकृत कराकर प्रस्तुत किया, जबकि उसका मूल बिल भी ₹1,43,000 का था और असीम वर्मा के नाम पर था।
सबसे गंभीर बात यह है कि पटेल ने अपनी पत्नी श्रीमती राजकुमारी पटेल (प्रधान पाठक, शास.प्राथ. शाला, दैहानपारा बैमा) के नाम से भी ₹4,03,327 का कूटरचित मेडिकल देयक कार्यालय में प्रस्तुत किया।
जांच में पाया गया कि मूल चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों की राशि से छेड़छाड़ कर नियम विरुद्ध तरीके से अधिक राशि आहरित कर राजकुमारी पटेल के खाते में अंतरित की गई।
राजकुमारी पटेल ने सुनवाई के दौरान अतिरिक्त राशि प्राप्त होने की बात स्वीकार भी की, लेकिन इसकी जानकारी उच्च कार्यालय को नहीं दी। उनके इस कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के विपरीत मानते हुए, प्रधान पाठक राजकुमारी पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा नियत किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट में आर्थिक अनियमितता की प्रमाणिक रूप से पुष्टि होने के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है।