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Bihar News: दो दरोगाओं पर FIR… लापरवाही ने अपराधियों को दिया खुला मौका

Bihar News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में दो पुलिस दरोगाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह एफआईआर किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही वरिष्ठ अधिकारी ने दर्ज कराई है। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बावजूद दोनों दरोगाओं ने अपने अधीन लंबित मामलों की जांच नहीं की और ना ही उन्हें किसी अन्य अधिकारी को सौंपा। इस लापरवाही के चलते अपराधी खुलेआम घूमते रहे और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका।

पूर्वी चंपारण जिले के चिरैया थाना में तैनात रहे सब-इंस्पेक्टर सूर्यदेव प्रसाद यादव और अशफाक हुसैन पर यह आरोप लगा है। वर्ष 2022 में इन दोनों को चिरैया थाना में जांच अधिकारी के रूप में 25 मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी

इनमें से सूर्यदेव प्रसाद यादव के पास 14 और अशफाक हुसैन के पास 11 मामले लंबित थे।

हालांकि, 2022 में ही दोनों अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया—सूर्यदेव प्रसाद यादव को पिपरा थाना और अशफाक हुसैन को कटिहार जिले के एक थाने में भेजा गया। ट्रांसफर के बाद यह उम्मीद थी कि वे अपने अधीन मामलों को सही तरीके से निपटाएंगे या कम से कम इनका प्रभार नए जांच अधिकारियों को सौंप देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे मामले लंबित रह गए और अपराधियों को खुला मौका मिल गया।

बार-बार नोटिस के बावजूद नहीं दिया जवाब

पुलिस विभाग ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और दोनों दरोगाओं को कई बार नोटिस भेजकर जवाब मांगा। बावजूद इसके, दोनों अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजा यह हुआ कि अपराधियों पर कोई कानूनी शिकंजा नहीं कस सका और पीड़ितों को न्याय नहीं मिला

इस पूरे मामले को लेकर चिरैया थाना के अपर थानाध्यक्ष आशीष कुमार ने अपने लिखित बयान में दोनों दरोगाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। अब इस मामले की गहन जांच की जा रही है और संभावना जताई जा रही है कि दोषी पाए जाने पर इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है

यह मामला बिहार पुलिस की कार्यशैली और अनुशासन पर कई सवाल खड़े करता है। क्या ट्रांसफर के बाद अधिकारियों की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है? अगर ये दोनों दरोगा अपनी ड्यूटी को गंभीरता से लेते और लंबित मामलों का प्रभार सौंपते, तो शायद अपराधियों को खुले में घूमने का मौका नहीं मिलता।

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