BilaspurChhattisgarh

एक हत्या, 3 गिरफ्तार, एक सवाल – कहाँ चूके हम?” पुलिस कप्तान रजनेश का भावुक संवाद – ‘बच्चों को रास्ता दिखाइए, वरना अंधेरे में खो जाएंगे’

बिलासपुर…सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित मिनी बस्ती में युवक की हत्या मामले में कोटा पुलिस ने महज 24 घंटे में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है । गिरफ्तार आरोपियों में दो नाबालिक भी शामिल है।  यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की उस चुप्पी और लापरवाही का आईना है। जिसे अब और नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने घटना पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए  कहा की निश्चित रूप से पुलिस का काम शांति व्यवस्था कायम रखना और कानून का पालन करवाना है । लेकिन समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि पुलिस के निर्देशों का सही तरीके से पालन करना है। यदि लोग पूरे मन से इस बात को समझ लें तो इसके बाद समाज में अपराध का कोई निशान तक नहीं बचेगा।

रजनेश सिंह ने कहा.. ठीक है कि मिनी बस्ती में हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सबको सोचना होगा कि घटना में किसे क्या हासिल हुआ। सच्चाई तो यह है कि सबको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिर्फ दर्द ही दर्द हासिल हुआ है । परेशानियां जिंदगी भर के लिए खड़ी हो गई है। एक परिवार जीवन भर कसक के साथ जिंदा रहेगा.. दूसरा परिवार सारी उम्र कानून कोर्ट कचहरी का चक्कर लगता रहेगा। मतलब दोनों परिवार के साथ समाज को को सिर्फ और सिर्फ दुख ही हासिल हुआ है । हमने सिर्फ और सिर्फ खाया ही है क्योंकि घटना में मरने वाला बच्चा भी हमारे बीच का ही । उससे बड़ी बात कि  पकड़े जाने वाले अपराधी भी हमारे बीच के हैं। सवाल उठता है कि क्या इस घटना को टाला नहीं जा सकता था। संभव था कि इसे टाला जा सकता था टाला। हम लोग यानी समाज के लोग अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन ठीक से करते अपराध होता ही नहीं।

वरिष्ठ पुलिस कप्तान ने समाज और अभिभावकों से भावनात्मक अपील किया कि“बच्चों को सिर्फ पालिए नहीं, कर्तव्य समझकर उन्हें सही दिशा दीजिए। समझने का प्रयास करें कि संस्कार दिन में कहां कमी हो गई जिसके कारण आज हमें इस भयंकर अपराध का सामना करना पड़ रहा है ।

अपराध पर अंकुश, परिवार से शुरू होता है”

पुलिस कप्तान ने कहा कि अपराध के लिए सिर्फ अपराधी ही जिम्मेदार नहीं होता । इसके पीछे पूरे समाज की भूमिका होती है। यदि हम बच्चों को समय पर सही मार्गदर्शन नहीं देंगे, तो वे आवेश और उत्तेजना में ऐसे अपराध कर बैठते हैं जिनका खामियाजा पूरी उम्र सभी को भुगतना पड़ता है।

नाबालिगों की गिरफ्तारी ने खड़े किए गंभीर सवाल

कप्तान ने बताया कि मिनी बस्ती हत्या मामले में दो नाबालिगों की संलिप्तता ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर बच्चे इस दलदल में क्यों और कैसे फंस रहे हैं? कप्तान रजनीश सिंह ने कहा,“इस गुनाह में सिर्फ आरोपी ही नहीं, हम सब कहीं न कहीं दोषी हैं – खासकर वे अभिभावक जो बच्चों को सही संस्कार नहीं दे पा रहे।”

पुलिस नहीं, पूरा समाज अपराध रोक सकता है

उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल पुलिस ही अपराध नहीं रोक सकती,।इसके लिए समाज का सहयोग ज़रूरी है।
“पुलिस अपराधियों को पकड़ सकती है, लेकिन अपराध की जड़ें तब खत्म होंगी जब समाज खुद जिम्मेदार बनेगा।”

जागरूकता से ही रोके जा सकते हैं अपराध”

रजनेश सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जन-जागरूकता अभियानों को अब तक अच्छी सफलता मिली है। लेकिन, यह अभियान तभी सार्थक होगा जब हर नागरिक, हर अभिभावक अपनी भूमिका निभाएगा।

कप्तान की युवाओं से मार्मिक अपील

रजनेश सिंह ने युवाओं से सीधे संवाद करते हुए कहा,
“गुस्से में लिया गया एक फैसला पूरी ज़िंदगी तबाह कर सकता है। जिंदगी अनमोल है, इसे यूं न गवाएं।”
उन्होंने कहा कि नशा और गुस्सा युवाओं के सबसे बड़े दुश्मन हैं – इससे बचें, और अगर किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो पुलिस से सहयोग लें, न कि डरें।

 सामूहिक संकल्प की अपील –

“संस्कारों से समाज बनता है, और समाज से ही कानून को दिशा और मजबूती मिलती है। आइए, बच्चों को अपराध नहीं, आदर्श बनाएं। पहले परिवार को सजाएं, तभी बिलासपुर ‘संस्कारधानी’ और ‘न्यायधानी’ बन पाएगा।”

Back to top button