BilaspurChhattisgarh

171 किमी की ध्वजा यात्रा का ऐतिहासिक समापन — रमन सिंह की बधाई, मंत्री कश्यप की मौजूदगी से गूंजा महामाया धाम

 

बिलासपुर/रतनपुर… नवरात्रि के छठवें दिन बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला की ‘ध्वजा यात्रा’ अपने अंतिम पड़ाव रतनपुर महामाया मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। कोनी से शुरू हुई यह यात्रा कुल 171 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर शनिवार देर रात रतनपुर पहुंची। यहां मां महामाया देवी के दर्शन के बाद यात्रा को औपचारिक रूप से विराम दिया गया।

मंत्री केदार कश्यप भी बने यात्रा के सहभागी

ध्वजा यात्रा के अंतिम दिन छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री केदार कश्यप ने भी शामिल होकर यात्रा को विशेष रूप दिया। उन्होंने विधायक सुशांत शुक्ला और पदयात्रियों के साथ कुछ दूरी तक पैदल चलते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। सुशांत शुक्ला ने मंत्री को चुनरी भेंट कर अभिनंदन किया। मंत्री की उपस्थिति से यात्रा में शामिल हजारों श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर दौड़ गई।

सुबह ‘मन की बात’ से शुरु,  महामाया के दर समापन

सुशांत शुक्ला ने छठवें दिन की यात्रा की शुरुआत सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ का सीधा प्रसारण सुनकर की। इसके बाद यात्रा सेदरी, लोफनदी, अमतरा, पेंडारवा, रानीगांव और मदनपुर होते हुए रात 8 बजे रतनपुर पहुंची। मां महामाया के दरबार में सुशांत शुक्ला ने पदयात्रियों के साथ प्रदेश और क्षेत्र की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

जनता और पदयात्रियों के प्रति आभार

विधायक सुशांत ने यात्रा में सहयोग देने वाले क्षेत्रवासियों और साथ चल रहे पदयात्रियों का हृदय से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा—

“विकसित बेलतरा का यह सुशासन रथ, गतिशीलता के साथ क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खोलता रहेगा। माता महामाया सभी को सुख, समृद्धि और दीर्घायु जीवन प्रदान करें।”


विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने दी बधाई

ध्वजा यात्रा की सफलता पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विधायक सुशांत शुक्ला को फोन कर विशेष बधाई दी। उन्होंने कहा कि—

“पूरे नवरात्रि काल में ध्वजा यात्रा प्रदेश भर में चर्चा का विषय रही। जिस तरह आपने गांव–गली और दुर्गम शक्तिपीठों तक पदयात्रा की, वह साहस और नेतृत्व क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण है। बेलतरा का यह युवा नेतृत्व प्रदेश के विकास की नई गाथा लिखेगा।”


आध्यात्मिकता और विकास का संगम

ध्वजा यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी, बल्कि इसे क्षेत्र के सामाजिक और विकासात्मक सरोकारों से भी जोड़ा गया। छह दिन की यह यात्रा जनता के सहयोग और जनभागीदारी की मिसाल बन गई।

Back to top button
close