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बिना सहमति यौन संबंध बनाने का अधिकार नहीं : हाईकोर्ट ने..नाबालिक से दुष्कर्म को बताया जघन्य अपराध

दिल्ली…दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दिया है। कोर्ट ने  कहा कि किसी लड़की के साथ दोस्ती किसी व्यक्ति को सहमति के बिना यौन संबंध बनाने का अधिकार नहीं  है।

न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने व्यक्ति के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसने लड़की के साथ सहमति से संबंध बनाया था । यह भी कहा कि नाबालिग होने के मामले में उसकी सहमति भी वैध नहीं है।

कोर्ट ने 24 जुलाई को जारी आदेश में कहा कि, एक लड़की किसी लड़के से दोस्ती करती है, तो उसे उसकी सहमति के बिना यौन संबंध बनाने की आजादी नहीं मिल जाती। इसके अलावा, चूंकि लडकी नाबालिग है, इसलिए मामले में उसकी सहमति भी मान्य नहीं है।”

अदालत ने एफआईआर में पीड़िता के विशिष्ट आरोपों और उसकी गवाही पर विचार किया । आपत्तियों के बावजूद उसके साथ बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया।

“यह तथ्य कि अभियोजक ने एफआईआर में कहा कि अभियुक्त/अपीलकर्ता ने मीठी-मीठी बातें करके उससे दोस्ती की थी, ।सहमति से बने रिश्ते के मामले के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश ने कहा कि अभियुक्त को ज़मानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।”

अप्रैल 2023 में, विकासपुरी स्थित एनडीएमसी अपार्टमेंट में निर्माण मजदूर के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति ने एक नाबालिग से दोस्ती की और बाद में उसके साथ बलात्कार किया। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि लड़की को उसके कृत्य के बारे में किसी को न बताने की धमकी दी गई । वह व्यक्ति नवंबर 2023 तक उसके साथ बलात्कार करता रहा। व्यक्ति ने दावा किया कि घटना के समय लड़की बालिग थी । उसने सहमति से उसके साथ यौन संबंध बनाए थे।

अदालत ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि लड़की की मां द्वारा दी गई गवाही में से केवल एक पंक्ति पर विचार कर बाकी सबूतों और दस्तावेजों को नजरअंदाज नहीं कर सकती, । उसके शैक्षिक रिकॉर्ड को देखते हुए उसे नाबालिग मान सकती है।

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