CG NEWS:डॉ. महंत और वेणुगोपाल के बीच कानाफूसी…एक तस्वीर… और कई संकेत

CG NEWS:”क्या यह बरसों पुराने दोस्तों के बीच कानाफूसी और मुस्कान से भरी तस्वीर भर है.. या इसके सियासी मायने भी हैं..?” छत्तीसगढ़ की राजनीति में बीते सोमवार को रायपुर में आयोजित ‘किसान, जवान, संविधान’ जनसभा भले ही कांग्रेस के एजेंडे पर आधारित एक बड़ी जनसभा थी, लेकिन इसके राजनीतिक मायने एक वायरल फोटो ने और गहरे कर दिए हैं। यह फोटो कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के बीच की आत्मीय मुलाकात की है — जिसमें वेणुगोपाल, महंत के कान में कुछ कह रहे हैं और डॉ. महंत मुस्कराते हुए उसे सुन रहे हैं।
हालांकि तस्वीर बता रही है कि डॉ. महंत के कान में जो कुछ भी कहा हो… वेणुगोपाल ने ही कहा ..। लेकिन इस एक फोटो ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। तस्वीर में मुस्कुराहटें हैं, कानाफूसी है और एक आत्मीयता का दृश्य है — जो सिर्फ दोस्ती की यादें ताजा करने भर की घटना नहीं मानी जा रही, बल्कि इसके पीछे भविष्य की राजनीतिक दिशा भी देखी जा रही है।
जैसा कि मालूम है कि वेणुगोपाल और चरणदास महंत डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में एक साथ मंत्री रह चुके हैं। दिल्ली की राजनीति में एक दौर ऐसा भी था जब दोनों के बीच गहरी समझ और संवाद की एक मजबूत लय थी। दोनों के बीच की पुरानी यारी अब भी बरकरार है । रायपुर की इस जनसभा में वह पुराना समीकरण नई मुस्कान के साथ नज़र आया । सवाल है — क्या यह सिर्फ एक मित्रवत मुलाकात थी, या इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस की आगामी रणनीति की झलक छिपी थी ?
यह जनसभा ऐसे वक्त में हुई है जब राज्य में भारी बारिश के बावजूद भारी भीड़ ने कांग्रेस को उत्साहित किया है। पार्टी इसे भाजपा के खिलाफ जन समर्थन के रूप में देख रही है। इस जनसभा में किसानों, जवानों और संविधान जैसे प्रतीकात्मक विषयों के जरिए कांग्रेस ने समाज के हर वर्ग को साधने का प्रयास किया। लेकिन इस आयोजन से इतर जो राजनीतिक संदेश अधिक स्पष्ट दिखा, वह था महंत और वेणुगोपाल की नजदीकी।
इस मौके पर डॉ. महंत ने मंच से न केवल केरल और छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक रिश्तों की चर्चा की । बल्कि पंडित नेहरू के विजन को भी याद किया, जब भिलाई स्टील प्लांट में बड़ी संख्या में केरलवासी आए थे। केरलवासी रायपुर के टाटीबंध में अब भी बड़ी संख्या में रहते है । जहां पर उनके मंदिर है और ओणम का त्यौहार सभी मिल जुलकर उत्साह के साथ मनाते हैं। इस तरह केरल और छत्तीसगढ़ के बीच भाईचारा का रिश्ता है। यह सिर्फ एक सांस्कृतिक चर्चा नहीं थी, बल्कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो राजनीति के तहत एकता और विविधता का संदेश देने की एक सुविचारित पहल भी हो सकती है।
वैसे छत्तीसगढ़ की राजनीति में डॉ. चरण दास महंत की अपनी एक अलग पहचान है। वे अविभाजित मध्यप्रदेश में भी गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे और केन्द्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने दायित्व का निर्वहन किया । इस समय डॉ. महंत छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। यानी संगठन से लेकर प्रशासनिक अनुभव, जातीय समीकरण और संसदीय राजनीति तक हर स्तर पर उनकी अपनी अलग पहचान है। डॉ. महंत जिस जांजगीर – चांपा – सक्ती जिले से आते हैं, वहां की सभी विधानसभा सीटों से कांग्रेस के विधायक हैं। इस दौर में जब कांग्रेस संगठन को राहुल गांधी संगठन सृजन अभियान के अनुरूप नए ढ़ंग से खड़ा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है, ऐसे में डॉ. महंत और महासचिव (संगठन ) वेणुगोपाल की इस तस्वीर के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
राजनीति में तस्वीरें कई बार भाषणों से ज्यादा असरदार हो जाती हैं। यही वज़ह है कि यह तस्वीर वायरल होते ही चर्चाओं को पंख लग गए हैं। के.सी. वेणुगोपाल और चरणदास महंत के बीच की यह मुस्कराहट सिर्फ अतीत की याद नहीं है, बल्कि भविष्य की पटकथा का संकेत हो सकती है — एक ऐसा संकेत, जो आने वाले महीनों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की दिशा और दशा दोनों तय कर सकता है।