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किसानों की आदान शिकायत..मतलब कर्मचारी होंगे परेशान..बोले कलेक्टर..जरूरत पड़े तो डीएमएफ से करेंगे सुविधा

आखिरी गांव और अन्तिम किसान तक पहुंचाएं योजना का लाभ

बिलासपुर—कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिला सहकारी बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर काम काज की समीक्षा की है। कलेक्टर नेकहा सरकार की योजनाओं का लाभ आखिरी गांव और किसानों तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। छोटे से छोटे किसान को आसानी से खाद बीज मिलना चाहिए। डेयरी और मछलीपालन को प्राथमिकता के आधार पर लोन दिया जाए। साथ ही समितियों की जिम्मेदारी बनती है कि कि किसानों की सुविधाओं का पूरा पूरा ख्याल रखे।
कलेक्टर, जिला सहकारी बैंक के प्रभारी संजय अग्रवाल ने मंथन सभागार में सहकारी बैंक कर्मचारियों के साथ बैठक कर काम काज को जांचा परखा। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक का गठन मुख्य रूप से किसानों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया है। किसानों को  आसानी से नगद समेत खाद बीज उपलब्ध करना बैंक की जिम्मेदाीर है। बैंक और समितियों की जिम्मेदारी है कि सरकारी की योजनाओं का लाभ आखिरी गांव और किसान तक पहुंचे। खरीफ सीजन शुरू हो चुका है। किसानों की चहल पहल सोसाइटियों में शुरू हो गयी है।किसानों को आदान सामग्री प्राप्त करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
      जानकार देते चलें कि जिला सहकारी बैंक का सेवा क्षेत्र में छह जिले में है। बिलासपुर समेत मुंगेली, जीपीएम, कोरबा, सक्ती और जांजगीर जिला में बैंक की शाखाएं काम कर रही है। इन सभी जिलों में बैंक की 58 शाखाएं और 430 प्राथमिक सहकारी समितियां क्रियाशील हैं।  शाखाओं और समितियों के माध्यम से किसानों को नगद, केसीसी, खाद बीज के अलावा सीएससी और माइक्रो एटीम की सुविधा भी है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि समितियों में किसानों के लिए बैठने की पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। जरूरत पड़े तो डीएमफ से मदद की जा सकती है। बैंक प्रबंधक और सुपरवाइजर को देखना है कि किसानों के साथ किसी भी स्तर पर उपेक्षा अथवा लापरवाही नही हो। अन्यथा दोषियों को बख्शान नहीं जाएगा।
कलेक्टर ने बताया कि किसान जागरूक हैं। उन्हें धान के साथ दलहन तिलहन समेत अन्य फसलों के लिए प्रेरित किया जाए। इस दौरान कलेक्टर ने लोन प्रकरणों की भी समीक्षा की। अग्रवाल ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए डेयरी, मछलीपालन और उद्यानिकी फसलों की खेती ज्यादा जरूरी है। कलेक्टर ने  इन सेक्टरों में कम लोन दिए जाने पर नाराज़गी जाहिर की। ज्यादा से ज्यादा किसानों को लोन स्वीकृत करने पर जोर दिया।  बैंक से जुड़े सभी किसानों को एटीएम कार्ड जारी करने को कहा। ताकि उन्हें पैसा निकालने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
 बैठक में कलेक्टर ने कहा कि डीएपी का बेहतर विकल्प सएसपी है। किसानों को जानकारी देकर उपयोग का तरीका बताया जाए। बैंक सीईओ सुनील सोढ़ी ने बैंक की गतिविधियों से कलेक्टर को अवगत कराया। निर्देशों का पालन करने का भरोसा दिलाया। बैठक में शीर्ष बैंक ओसडी अविनाश श्रीवास्तव समेत सभी सहकारी बैंक शाखाओं के प्रबंधक और सुपरवाइजर उपस्थित थे

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