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CG News- इस जिले में 145 में से एक भी स्कूल का समायोजन नहीं..कलेक्टर ने कहा : शिक्षकों का संतुलित वितरण कर मिलेगी गुणवत्ता शिक्षा

युक्तियुक्तकरण के लाभों को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि इससे विद्यार्थियों को बेहतर भवन, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही परिसर में मिल सकेंगी। साथ ही, बच्चों की ड्रॉपआउट दर में कमी, तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति और पढ़ाई की निरंतरता सुनिश्चित होगी।

CG News- कोरिया/ शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और संसाधनों के समुचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कोरिया जिले में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर जिला प्रशासन ने अहम जानकारी साझा की।जिला कलेक्टर  चंदन त्रिपाठी ने जिला कलेक्टरेट सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि यह कदम शिक्षा में समानता, समावेशिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी पहल है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर अरुण मरकाम एवं जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता भी उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में शिक्षकों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है, जबकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में शिक्षकों की भारी कमी है। इससे वहां की शैक्षिक गतिविधियां और छात्रों का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। इसी असंतुलन को दूर करने के लिए शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से गणित, भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता अब ग्रामीण अंचलों में भी सुनिश्चित की जा रही है। इससे न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षण मिलेगा, बल्कि छात्र-शिक्षक अनुपात भी संतुलित होगा।

राज्य और जिले की स्थिति का विवरण देते हुए कलेक्टर ने बताया कि कोरिया जिले में 2 प्राथमिक शालाएं शिक्षकविहीन और 57 एकल शिक्षक स्कूल हैं। वहीं, 95 प्राथमिक और 75 पूर्व माध्यमिक शिक्षक जिले में अतिशेष हैं। इनका पुनः समायोजन कर शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय शालाओं में पदस्थापना की जा रही है।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया किसी भी प्रकार की कटौती नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य शिक्षा में सुधार लाना है। जिले में 145 में से एक भी स्कूल का समायोजन नहीं किया गया है। राज्य में भी केवल 241 स्कूलों का समायोजन किया गया है, जबकि 10,297 स्कूल यथावत संचालित रहेंगे।

युक्तियुक्तकरण के लाभों को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि इससे विद्यार्थियों को बेहतर भवन, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही परिसर में मिल सकेंगी। साथ ही, बच्चों की ड्रॉपआउट दर में कमी, तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति और पढ़ाई की निरंतरता सुनिश्चित होगी।

प्रेस वार्ता के अंत में कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा -निर्देशों के अनुरूप यह परिवर्तन हो रहे हैं और इससे न केवल शिक्षा का बल्कि जिले के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

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