Chhattisgarh

CG News- थानेदार समेत 3 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, SP का एक्शन!

cg news/छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में खाकी पर एक और दाग लगा है, जहां घरघोड़ा थाने के थानेदार हर्षवर्धन सिंह बैस को शराब बिक्री के एक मामले में ‘हल्का केस’ बनाने के एवज में एक ग्रामीण से रिश्वत लेना महंगा पड़ गया।

इस गंभीर शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) दिव्यांग पटेल ने मामले की जांच साइबर सेल के डीएसपी अनिल विश्वकर्मा को सौंपी थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर एसपी ने कड़ा एक्शन लेते हुए थानेदार हर्षवर्धन सिंह बैस के साथ आरक्षक दिलीप साहू और प्रेम राठिया को तत्काल प्रभाव से थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया है।

जिले में हाल के दिनों में कुछ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं, जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। चौक-चौराहों पर गैंगवार की घटनाएं, थानों में मारपीट, आम जनता से रुपए मांगने और गांव-शहरों में शराब की अवैध बिक्री जैसी घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इन हालातों को देखते हुए एसपी दिव्यांग पटेल लगातार क्राइम मीटिंग में अधिकारियों को सख्ती बरतने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के कड़े निर्देश दे रहे हैं। अब उन अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है, जिन पर इन निर्देशों का कोई असर नहीं हो रहा था।

शुक्रवार शाम एसपी दिव्यांग पटेल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, घरघोड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले घरघोड़ी गांव निवासी भूपदेव सिंह राठिया ने एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि थानेदार हर्षवर्धन सिंह बैस ने उस पर महुआ शराब बनाने और बेचने का झूठा आरोप लगाकर कार्रवाई करने की धमकी दी। बाद में, ‘छोटा केस’ बनाने और मामले को रफा-दफा करने के नाम पर उससे रुपए ऐंठ लिए। इस शिकायत को एसपी ने অত্যন্ত गंभीरता से लिया और तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट मिलते ही एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।

आरोपी थानेदार हर्षवर्धन सिंह बैस का विवादों से पुराना नाता रहा है। करीब एक सप्ताह पहले ही भूपदेवपुर का एक परिवार किसी शादी समारोह में शामिल होने घरघोड़ा आया था। वहां उनके बेटे के साथ कुछ स्थानीय लोगों ने बुरी तरह मारपीट की थी। गंभीर चोटें लगने के बाद जब पीड़ित परिवार थाने पहुंचा और कार्रवाई की मांग की, तो आरोप है कि थानेदार ने उल्टा पीड़ित की मां को ही धमकाते हुए कहा कि वह उसके बेटे को ही किसी झूठे केस में फंसा देंगे।

यह मामला स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया में भी खूब उछला था। दरअसल, जिस युवक के साथ मारपीट हुई थी, उस पर गांव की एक लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगा था, जिससे नाराज होकर कुछ लोगों ने उसकी पिटाई कर दी थी। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का भी मानना था कि यदि उस समय थानेदार दोनों पक्षों पर निष्पक्ष रूप से एफआईआर दर्ज करता, तो पुलिस की इतनी बदनामी नहीं होती और मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ सकता था।फिलहाल, तीनों पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया गया है और मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। 

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