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अधूरी सिंचाई योजनाओं ने भी किया जलस्तर को प्रभावित…कलेक्टर ने कहा..अब तक निकाला..अब जमीन में डालना होगा पानी…

ग्रामीणों के साथ चलाएं अभियान...बाहर नहीं जाने देंगे गांव का पानी

बिलासपुर—कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टर कार्यालय स्थित मंथन सभागार में सिंचाई विभाग के काम-काज की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि जिले के सिंचाई परियोजनाओं के मरम्मत और रख रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। अधूरे कार्यों को तेजी से पूर्ण कर जल संकट की समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जाए। कलेक्टर ने जोर देते हुए कहा कि अधूरी सिंचाई परियोजनाएं भी भू जल स्तर गिरने का तमाम कारणों में एक है। सतही जल के संरक्षण में सिंचाई विभाग की अहम भूमिका है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्माण स्थल की सतत निगरानी का निर्देश दिया। साथ ही काम में गुणवत्ता से समझौता करने से इंकार भी किया।संजय अग्रवाल ने बारिश के पानी को रोकने के लिए योजना करने का आदेश दिया।
      कलेक्टर संजय अग्रवाल ने समीरक्षा बैठक में कहा डेम और एनिकट के गेट में जो भी मरम्मत कार्य किया जाना है..जल्द से जल्द करें। हमें बारिश का पानी रोकने पर ध्यान देना होगा। नाला बंधान, पर्कुलेशन टैंक जैसे स्ट्रक्चर बनानें को कहा। कलेक्टर ने कहा कि भू जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। ऐसी स्थिति पानी के अंधाधुंध दोहन से हुई है। हम भूमि के नीचे का पानी बहुत निकाल चुके हैं। अब हमें भूमि के नीचे पानी डालना होगा।
कलेक्टर ने इस दौरान राजनांदगांव जिले में किए गए कार्यों का जिक्र किया। उन्होने बताया कि  हमे समाज के लिए जो भी बेहतर हो सके करना है। पौधरोपण और जल संरक्षण हर तरह के कार्य का अनिवार्य हिस्सा बनाना है। किसानों को फसल चक्र परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करना है। हर गांव में एक-एक पर्काेलेशन टैंक बनाना है।
कलेक्टर संजय ने सभी सब इंजीनियर और एसडीओ को मामले में गंभीरता से सोचने और कार्य करने को कहा। कलेक्टर ने आदेश दिया कि  गांव का पानी गांव में रुकना चाहिए..इस लक्ष्य के साथ हमें आगे बढ़ना है। जब तक गांव को अभियान से नहीं जोड़ेंगे तब तक  जल संरक्षण अभियान को सफलता नहीं मिलेगी। कलेक्टर ने अधूरे कामों को समय में पूरा करने के निर्देश दिए। निर्माण में गुणवत्ता से कतई समझौता से इंकार किया। बैठक में जल संसाधन विभाग के ईई मधु चंद्रा समेत सभी एसडीओ और सब इंजीनियर उपस्थित थे।

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