BilaspurChhattisgarh

मुख्यमंत्री की चेतावनी बेअसर…घुरू,मेन्ड्रा में बेखौफ होकर जमीन माफिया कर रहे अवैध प्लाटिंग…निगम चुप..तहसील मौन

कलेक्टर बदलते ही बेखौफ हुए जमीन माफिया...घुरू हल्का में रौनक

बिलासपुर—जब मेड़ ही खेत खाने लगे तो खेत को कोई नहीं बचा सकता है। ठीक यही हालत सकरी स्थित घुरू पटवारी हल्का की है। यहां दिग्गज जमीन माफिया दुलार बदनाम पटवारी तहसील और प्रशासन के सहयोग से जमकर अवैध प्लाटिंग का खेल खेल रहा है। यह जानते हुए भी कि खुद मुख्यमंत्री ने अवैध प्लाटिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। बावजूद इसके जमीन माफिया दुलार बदनाम पटवारी मन मोहन सिदार के संरक्षण और तहसील प्रशासन के आशीर्वाद से सीएम निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ा रहा है। और जिसके चलते किसान सरकार और निजी माफियों के हाथों लुटने को मजबूर हैं। ताज्जुब की बात है कि रोज रजिस्ट्री,नामांतरण और बी-1 बनाने वाला तहसील कर्मचारी अवैध प्लाटिंग से अंजाम है। पूछे जाने पर कहता है कि मामले की जांच कराएंगे।

कलेक्टर बदलते ही जमीन माफिया बेखौफ

  अवनीश शरण के जाते ही जमीन माफियों की बल्ले बल्ले हो गयी है। जिले के कमोबेश सभी पटवारी हल्का में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग का खेल चरम पर पहुंच गया है।  खासकर घूरू और अमेरी में अवैध प्लाटिंग का मानों नंगा नाच चल रहा है। जानते हुए भी कि घूरू और अमेरी निगम क्षेत्र का हिस्सा है। बावजूद इसके तहसील और पटवारी के संरक्षण में खुलेआम अवैध प्लांटिंग का मोल भाव हो रहा है। ताज्जुब की बात है कि निगम प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। जमीन मापियों को लेकर निगम का व्यवहार कुछ ऐसा ही जैसा तहसील प्रशासन का है।

सीएम निर्देशों की उड़ायी जा रही धज्जियां

जानकारी देते चलें कि मास्टर प्लान 2031 के अनुसार शासन ने घूरू क्षेत्र को मिनी बिलासपुर की तर्ज पर विकसित करने का फैसला किया है। सब कुछ जानते हुए भी निगम और सकरी राजस्व प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। घूरू में सीएम के फरमान की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बताते चलें कि मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। फिलहाल अवनीश शऱण के जाने के बाद जिले में और खासकर घूरू में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

लोगों ने बताया सभी लोग सेट

कुछ जमीन खरीदने वालों ने बताया कि नियम कायदा कुछ नहीं होता है। यदि दुलार चाहे तो पटवारी तो दूर तहसीलदार भी कुछ नहीं कर सकता है। सबका हिस्सा बंधा है। प्लाट खरीदने वाले ने बताया कि दुलार का अवैध प्लाटिंग घूरू ही नहीं बल्कि अमेरी, गोकुलधाम और मेन्ड्रा में भी चल रहा है। इस बात की जानकारी पटवारी से लेकर तहसीलदार को भी है। यही कारण है कि दुलार किसानों की जमीन को धड़ल्ले से प्लाटिंग कर करोड़ों में खेल रहा है।

गोकुलधाम में अवैध प्लाटिंग

गोकुल धान का खसरा नम्बर 624 खेती की जमीन है। प्रतिबंध के बावजूद खसरे में अब तक जमीन का आठ टुकड़ा हो चुका है। पटवारी अभी भी कुछ रूपया लेकर जमीन काट रहा है। मजेदार बात  है कि तहसीलदार अवैध प्लाट का नामांतरण भी कर रहा है। ताज्जुब की बात है कि इसकी जानकारी ना तो बदनाम पटवारी मन मोहन सिदार को है और ना ही तहसीलदार को।

सरकारी जमीन पर कालोनी की सड़क

  जानकारी देते चलें कि दुलार ने घूरू स्थित खसरा नम्बर 126/1 पर भी अवैध प्लाटिंग कर रहा है। इसके अलावा मेड्रा स्थित खसरा नम्बर 700/3 पर भी अवैध प्लाटिंग का खेल हो रहा है। सबसे बड़ी बात कि जमीन माफिया ने प्लाट बेचने के साथ नहर की सरकारी जमीन पर कब्जा कर सड़क बना दिया है। बावजूद इसके सड़क ना तो पटवारी को दिखाई दे रहा है। और ना ही तहसीलदार को इसकी खबर है।

तहसील से मिल रहा विशेष दुलार

 बताते चलें कि दुलार जमीन की खरीद फरोख्त और अवैध प्लाटिंग का पुराना खिलाड़ी है। सकरी तहसील में अच्छा रसूख है। दुलार का रिश्तेदार राजस्व का कर्मचारी भी है। जिसके चलते दबंग दुलार का अवैध प्लाटिंग का खेल बदस्तुर जारी है। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों का पालन दुलार पर नहीं होता है।

करााएंगे जांच..पटवारी को देंगे निर्देश

सकरी तहसीलदार ने कहा कि मामले में स्थानीय पटवारी को निर्देश देंगे। बताए गए खसरा के अलावा किसी भी जमीन पर किए जा रहे अवैधप्लाटिंग के खिलाफ एक्शन लेंगे।

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