10 घंटे का पुलिस ऑपरेशन— पुलिस ने ब्लैकमेलर को धर दबोचा..रेसिस्ट को जेल

बिलासपुर…सोशल मीडिया के ज़रिए दोस्ती कर शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण करने वाले आरोपी को सरकंडा पुलिस ने महज़ 10 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर की गई, जिन्होंने मामले की गंभीरता देखते हुए तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।
शादी का झांसा और ब्लैकमेलिंग
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता गांव से पढ़ाई करने के लिए बिलासपुर में रह रही थी। इसी दौरान फरवरी 2025 में उसकी जान-पहचान साजिद अहमद नामक युवक से सोशल मीडिया के माध्यम से हुई। दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और आरोपी ने उसे अपने प्रेमजाल में फँसाकर घुमाने के बहाने किराए के मकान में बुलाया। वहीं आरोपी ने शादी का झूठा आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाए और इस घटना का गोपनीय वीडियो रिकॉर्ड कर लिया।
बाद में आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर फरवरी से अक्टूबर 2025 तक लगातार मानसिक और दैहिक शोषण किया। पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी जाती रही। अंततः पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर अपनी माँ को सब कुछ बताया और थाना सरकंडा पहुँचकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस की तत्परता — 10 घंटे में गिरफ्तार
जैसे ही रिपोर्ट दर्ज हुई, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल एवं नगर पुलिस अधीक्षक निमितेश सिंह के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी सरकंडा श्री निलेश पाण्डे के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।
पुलिस टीम ने तकनीकी विश्लेषण और त्वरित पतासाजी कर महज 10 घंटों में आरोपी साजिद अहमद (25 वर्ष, निवासी जामा मस्जिद के पास, मानपुर, जिला सुरजपुर) को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार किया, जिसके बाद उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
एसएसपी का सख्त संदेश — ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने स्पष्ट कहा है कि महिला सुरक्षा से जुड़े अपराधों पर बिलासपुर पुलिस की नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, और पीड़ितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।
पुलिस टीम का सराहनीय योगदान
आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी में थाना प्रभारी श्री निलेश पाण्डे एवं उनकी पूरी टीम का विशेष योगदान रहा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पूरे दल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कार्रवाई न केवल त्वरित पुलिसिंग का उदाहरण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि “महिला सुरक्षा से जुड़ा हर अपराध अब सीधे कानून की गिरफ्त में आएगा।