BilaspurChhattisgarh

वाह क्या अरमान है…? जब अरमान ने कहा..मेरा पढ़ने का अरमान नहीं है…फिर भी तीन घंटे शिक्षकों ने किया अरमान का इंतजार

परीक्षा देने तो निकला..लेकिन स्कूल नहीं पहुंचा...लेकिन तीन घंटे बाद लौटा घर

बिलासपुर–(टेकंचद कारड़ा)–अरमान का अरमान कुछ अलग है…क्या सरकार.. क्या मास्टर… क्या बाप और क्या मां..उसका जो अरमान है वह वहीं करेगा। जी हां हम बात अरमान की ही कर रहे हैं। बात कुछ इस तरह है..छत्तीसगढ में आज यानी शुक्रवार से पांचवी की केन्द्रीयकृत परीक्षा शुरू हो चुकी है। अपने अपने परीक्षा केन्द्र में बच्चे तैयारी के साथ पहुंचे। परीक्षा देकर घर भी लौटे। लेकिन तखतपुर स्थित देवतरी प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाला कक्षा पांच का छात्र घर से परीक्षा देने तो निकला तो जरूर लेकिन स्कूल नहीं पहुंचा। परीक्षा शुरू होने के करीब आधे घण्टे बाद जब अरमान को बुलाने शिक्षक घर आया तो अरमान ने कहा…उसका पढ़ने का कोई अरमान नहीं है। बेचारा शिक्षक क्या करता अपना से मुंह लेकर परीक्षा केन्द्र लौट आया।
 तखतपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम देवतरी प्राथिमक शाला में पढ़ने वाले छात्र का नाम अरमान कुर्रे है। अरमान कुर्रे पांचवी का छात्र है। जानकारी हो कि आज से यानी शुक्रवार से कक्षा पांचवी की केन्द्रीय परीक्षा शुरू हो गयी है। लेकिन परीक्षा दिलाने अरमान कुर्रे घर से निकला तो जरूर लेकिन स्कूल नही पहुंचा। तीन घंटे केंद्राध्यक्ष और दो शिक्षक परीक्षा केंद्र में बैठकर छात्र का इंतजार करते रहे। आनन फानन में एक शिक्षक छात्र अरमान के घर भी पहुंचा। लेकिन अरमान ने शिक्षको अरमान तोड़ दिया। दो टूक कहा कि उसे पढ़ने का अरमान नही है।
          छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवीं केंद्रीयकृत परीक्षा शुरू हो गयी है। परीक्षा देने के बाद कुछ छात्र बहुत उत्साहित तो कुछ बहुत मायूस नजर आए। लेकिन ग्राम देवतरी प्राथिमक शाला में कक्षा पाचवी का एक मात्र छात्र अरमान कुर्रे परीक्षा नहीं दिया। परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद स्कूल शिक्षक देवराज सिंह क्षत्री अरमान को ढूंढते उसके घर पहुंचे। शिक्षक के कहने पर अरमान की मां लक्ष्मी कुर्रे और पिता जलेश्वर कुर्रे ने अरमान को डांट फटकार कर स्कूल भेजा…बावजूद इसके अरमान स्कूल नही पहुंचा।
  दूसरी तरफ केंद्राध्यक्ष योगेश मिश्रा, शिक्षक देवराज सिंह क्षत्री और गिरधारी लाल जांगड़े छात्र का इंतजार करते रहे। लेकिन अरमान है कि परीक्षा खत्म होने तक केन्द्र नहीं पहुंचा।
जानकारी के बाद अरमान को तलाशते हुए पत्रकारों की टीम उसके घर पहुंच गयी। इस दौरान अरमान अपने घर में बैठा मिला। आवाज देने पर अरमान पत्रकारों के सामने आया। परीक्षा नहीं दिये जाने के सवाल पर दो टूक कहा कि अरमान को पढ़ने का अरमान नहीं है।

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