आपणों राजस्थान

नीति आयोग की मीटिंग में मुख्यमंत्री ने केंद्र से क्या मांगा

पर्यटन का राजस्थान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए पर्यटन विकास को गति देने के लिए नवीन पर्यटन नीति शीघ्र जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को स्टार्टअप स्थापित करने और रोजगार प्रदाता बनने हेतु प्रोत्साहन देने के लिए अटल इन्टरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम प्रारंभ किया गया है।

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार को नई दिल्ली के भारतमंडपम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बैठक में विकसित राजस्थान के संकल्प को पूरा करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से चर्चा की और प्रदेश में जल और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से अधिक सहयोग का भी अनुरोध किया।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार विकसित राजस्थान का लक्ष्य हासिल करने के लिए हर पहलू पर तेजी से काम कर रही है। इसी दिशा में आर्थिक समृद्धि, सतत् विकास और समावेशी प्रगति को केन्द्र में रखते हुए नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ‘विकसित राजस्थान@2047’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने रामजल सेतु लिंक परियोजना तथा यमुना जल समझौते को मूर्त रूप देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये जल परियोजनाएं विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगी।

मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सशक्त एवं साहसी रूख दिखाकर देश को वैश्विक मंच पर जो सम्मान दिलाया है उसके लिए मैं उनका आभार एवं धन्यवाद प्रकट करता हूं।

उन्हांेने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व से हमें गहरी प्रेरणा मिली है तथा राज्य स्तर पर हम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सभी पहलों को पूरा समर्थन देने के लिए और भी अधिक दृढ़ संकल्पित हुए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि दो दिन पहले 22 मई को प्रधानमंत्री के सीमावर्ती बीकानेर जिले में संबोधन के समय जनसाधारण में जो अद्भुत उत्साह एवं राष्ट्रभक्ति का जज्बा देखने को मिला वैसा भावुक दृश्य मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा। ये जनता का प्रधानमंत्री के प्रति अटूट विश्वास दर्शाता है।

श्री शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रदेश में निवेश बहुत जरूरी है। इसके लिए हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही साल में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन कर 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं तथा इन प्रस्तावों में से सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर प्रारम्भ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद नीति 2024, एमएसएमई पॉलिसी 2024, निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना, टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी 2025, लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025, डाटा सेंटर पॉलिसी 2025 को तैयार करके राजस्थान में समावेशी विकास और रोजगार के अवसर सृजन करने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस आधारित इंडस्ट्रीयल पॉलिसी शीघ्र जारी की जाएगी। इस नीति के माध्यम से ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, ट्रेडिंग सेक्टर के विकास और संवर्धन के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 15 औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु 2000 करोड रुपए से अधिक के कार्य प्रारंभ किए गए हैं तथा 20 नए औद्योगिक क्षेत्र भूखंड आवंटन हेतु खोले गए हैं जिससे राज्य के औद्योगिक विकास एवं विकास दर को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा।

श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान अपनी ऐतिहासिक विरासत एवं स्थापत्य समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व विख्यात है। पर्यटन का राजस्थान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए पर्यटन विकास को गति देने के लिए नवीन पर्यटन नीति शीघ्र जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को स्टार्टअप स्थापित करने और रोजगार प्रदाता बनने हेतु प्रोत्साहन देने के लिए अटल इन्टरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समयबद्ध रूप से भर्ती परीक्षा आयोजित करवाकर 67 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां प्रदान की गई है तथा 1 लाख 87 हजार पदों हेतु प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।

 

अक्षय ऊर्जा में राजस्थान सिरमौर-

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमारी सरकार ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कई अहम कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा क्षमता में 10000 मेगावाट की वृद्धि की गई है तथा राजस्थान सौर ऊर्जा एवं अक्षय ऊर्जा क्षमता में देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में पीएम कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ,नवीन राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति की बेहतर क्रियान्विति के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं।

 

सर्कुलर इकोनॉमी बनेगी विकास की वाहक-

 

मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम 2025 लाई जा रही है जिसके अंतर्गत रिसाइक्लिंग, रीयूज के क्षेत्र में रिसर्च एवं डवलपमेंट के लिए 2 करोड रुपए का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही, सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में कार्यरत एमएसएमई, स्टार्टअप को विभिन्न योजनाओं में दिए जा रहे ऋण अनुदान में 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 15 वर्ष से पुराने वाहनों का उपयोग निषिद्ध करने तथा नई टेक्नोलॉजी के प्रदूषण रहित वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लाई जा रही है।

 

केन्द्र सरकार से किए गए अनुरोध-

 

मुख्यमंत्री ने बैठक में केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि पोंग बांध की कुल भराव क्षमता 1400 फीट ऊंचाई तक अनुमत है लेकिन पर्याप्त वर्षा के दौरान भी इस बांध में अधिकतम सीमा तक जल भराव नहीं किया जा रहा है। पोंग बांध को पूर्ण क्षमता तक जल भराव करने के संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाए जिससे भागीदार राज्यों को अपने हिस्से का पूर्ण जल प्राप्त हो सके। साथ ही उन्होंने 51.5 किलोमीटर लंबी फिरोजपुर फीडर की लाइनिंग हेतु स्वीकृति शीघ्र प्रदान करने का भी आग्रह किया।

 

श्री शर्मा ने आग्रह किया कि कालीसिंध और छबड़ा थर्मल परियोजनाओं में अतिरिक्त इकाइयों एवं 3200 मेगावाट की नई थर्मल इकाई को पिट हैड से 500 किलोमीटर से अधिक दूरी होने के कारण राज्य में स्थापना हेतु शिथिलन प्रदान की जाए। साथ ही, उन्होंने साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड से दिए जा रहे 20 लाख मीट्रिक टन कोयले को नॉर्दन कोलफील्ड से उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में ऊर्जा सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पीएम कुसुम योजना के कंपोनेंट-ए के तहत राज्य को 5000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन तथा बैट्री स्टोरेज के लिए 5000 मेगावाट आवर का अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित किया जाए। साथ ही, उन्होंने राजस्थान को आवंटित 115 गीगावाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु 40 गीगावाट अतिरिक्त ऊर्जा के इवेक्युएशन हेतु प्लान तत्काल बनाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने बैठक में आश्वस्त किया कि राज्य सरकार प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के संकल्प की सिद्धि के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में हमारी सरकार प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे ले जा रही है।

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