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Weather in March 2025: मार्च के महीने में कैसा रहेगा मौसम, कितनी पड़ेगी गर्मी? IMD की ताजा भविष्यवाणी सामने आई

Weather in March 2025: फरवरी महीने के अंत में मौसम ने एक बार फिर करवट लिया है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में बारिश हुई। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी देखी गई।

मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि भारत में मार्च का महीना सामान्य से अधिक गर्म रहने की संभावना है। इस दौरान गर्म हवाएं भी चलेंगी। यह देशभर में गर्मियों के आगमन का संकेत है। 

Weather in March 2025:भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक  ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कहा कि मार्च में प्रायद्वीपीय भारत के कुछ सुदूर दक्षिणी भागों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में महीने का अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। 

Weather in March 2025:मार्च के अधिक गर्म रहने का अनुमान इसलिए लगाया गया है क्योंकि देश में 1901 के बाद सबसे गर्म फरवरी रही थी, जब औसत तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य 20.70 डिग्री से 1.34 डिग्री अधिक था। 

रबी फसल पर गर्म मौसम की स्थिति के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर पई ने कहा कि कृषि मंत्रालय के विशेषज्ञों के साथ उनकी चर्चा के अनुसार देश में उगाए जाने वाले लगभग 60 प्रतिशत गेहूं की किस्म गर्मी प्रतिरोधी है। पई ने बताया कि फरवरी में देशभर में 10.9 मिमी बारिश हुई – जो 1901 के बाद से 18वीं सबसे कम और 2001 के बाद से पांचवीं सबसे कम बारिश है। 

Weather in March 2025: दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है।

राजधानी दिल्ली और नोएडा में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने तापमान में गिरावट ला दी है। वहीं, हरियाणा के करनाल और अन्य जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिली, जिससे ठंड का असर फिर से बढ़ गया है।

IMD Alert 2025-मौसम विभाग ने पहले ही हरियाणा में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि को लेकर येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया था।

इस पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य में कई इलाकों में तेज बारिश के साथ बड़े-बड़े ओले गिरे, जिससे सड़कों और खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई। मौसम में अचानक आए इस बदलाव का असर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में भी देखने को मिला, जहां लोगों को ठंडी हवाओं और बारिश का सामना करना पड़ा।

राजस्थान के चुरू जिले में ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

सरसों, गेहूं, इसबगोल और चने जैसी फसलें लगभग कटाई के लिए तैयार थीं, लेकिन अचानक आए इस मौसमी बदलाव ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। कई गांवों में जमीन पूरी तरह से सफेद नजर आई, जिससे फसलों का भारी नुकसान हुआ।

किसान संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत सर्वे करवाकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।

दिल्ली-एनसीआर में बारिश और तेज हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोग अचानक बढ़ी ठंड से बचने के लिए समय से पहले अपने घरों की ओर लौटते दिखे। खराब मौसम का असर ऑफिस टाइमिंग पर भी पड़ा, जहां दफ्तरों से लोग जल्दी निकलते नजर आए। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी उत्तर भारत में आंधी और बारिश की संभावना जताई है, जिससे सर्दी के फिर से लौटने के संकेत मिल रहे हैं।

राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि का असर फसलों पर सबसे ज्यादा पड़ा है, जिससे किसानों में निराशा का माहौल है। किसान संगठनों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द सर्वे करवाकर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके। मौसम के इस अप्रत्याशित बदलाव ने जहां आम जनता को ठंड का एहसास कराया, वहीं किसानों को गहरी चिंता में डाल दिया है।

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