vaishakh amavasya 2025- पितृ कृपा पाने का श्रेष्ठ अवसर.. वैशाख अमावस्या 2025 पर करें तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य

vaishakh amavasya 2025/हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पवित्र और पूजनीय माना गया है, विशेष रूप से पितरों को समर्पित इस दिन का आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक होता है।
vaishakh amavasya 2025/हर माह की अमावस्या पितृ पूजन के लिए उपयुक्त मानी जाती है, लेकिन वैशाख मास की अमावस्या को विशेष रूप से शुभ और पुण्यदायी माना गया है। इस वर्ष वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। इसे दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है और यह तिथि पितरों के आशीर्वाद को पाने का उत्तम समय मानी जाती है।
vaishakh amavasya 2025/वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और उसी रात 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
उदयातिथि के आधार पर यह पर्व 27 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त 4:11 बजे से 4:51 बजे तक रहेगा, जबकि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:12 से 1:03 तक रहेगा। इन दोनों शुभ समयों में पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि वैशाख अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन और भोजन का दान करना अक्षय पुण्य का कारण बनता है, जिससे घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
यह दिन केवल आध्यात्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और पारिवारिक कल्याण के लिए भी अत्यंत फलदायक माना गया है।