जवान की विधवा पत्नी ने जताया दुख… खबर के तथ्यों से किया इंकार..कही यह बात.
वैशाखी बाई ने बताया नहीं मांगती भीख

बिलासपुर … पुलिस प्रशासन ने प्रकाशित खबर आरपीएफ जवान की विधवा पत्नी भीख मांग कर कर रही गुजारा का खंडन किया है.. जिला पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रकाशित खबर में किसी भी प्रकार की तथ्यात्मक सच्चाई नहीं है। पूछताछ के दौरान वैशाखी बाई ने स्पष्ट किया है कि वह भीख नहीं मांगती है… शासन से उसे पर्याप्त पेंशन मिलता है.. जिससे वह अपना जीवन का गुजारा करती है ।
जानकारी देते चले की प्रदेश के प्रतिष्ठित अखबार में खबर छपी की आरपीएफ की विधवा पत्नी रेलवे स्टेशन पर भीख मांग कर गुजारा करती है इसके लिए सूदखोर लोग जिम्मेदार है । खबर मिलते ही शासन प्रशासन एक्शन में आ गया और मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की कार्रवाई की । इस दौरान पाया गया कि छपी खबर में किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है। महिला ने खुद ही इस बात का खंडन भी किया।
पुलिस जांच में सामने आई सच्चाई
पुलिस प्रशासन ने बताया कि जांच के दौरान समाचार में उल्लेखित महिला बैसाखी बाई, पत्नी स्व. अस बहादुर गुरुंग (पूर्व हवलदार, रेलवे सुरक्षा बल), उम्र 65 वर्ष, निवासी चुचुहियापारा, थाना सिरगिट्टी, बिलासपुर से पूछताछ की गई। उसने भीख मांग कर गुज़ारा की बात से इंकार किया ।उसने इंकार किया कि सूदखोर परेशान कर रहे हैं।
क्या है वास्तविक स्थिति?
बैसाखी बाई ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उनके पति RPF में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। पति के निधन के बाद 15,000 प्रति माह पेंशन नियमित रूप से प्राप्त हो रही है।
उन्होंने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक से 2.5 लाख का वैध ऋण लिया है,. मासिक किस्त 6,000 उनके पेंशन खाते से कट जाता है..9,000 रुपये प्राप्त होती है।
सभी दस्तावेज सुरक्षित
बैसाखी बाई ने बताया कि उनके पेंशन से संबंधित सभी दस्तावेज सुरक्षित है। पासबुक, एटीएम कार्ड सुरक्षित रूप से उसके पास हैं।किसी अन्य व्यक्ति या संस्था से कोई अतिरिक्त ऋण नहीं लिया है। पीडिता ने बताया कि उसको लेकर भीख मांगने वाली लिखी गयी खबर पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है।
देखभाल कर रही भतीजी कुसुम
बैसाखी बाई ने बताया कि अपनी मुंह बोली भतीजी कुसुम के साथ रहती हैं। भोजन, देखभाल और अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखती हैं। कभी-कभार समय व्यतीत करने के लिए स्टेशन परिसर में बैठने चली जाती हैं..जिससे कुछ लोगों ने भ्रामक धारणाएं बना लीं है कि भीख मांगती हू।
तथ्यों की पुष्टि बिना न करें प्रसारण
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रकाशित समाचार तथ्यात्मक रूप से गलत एवं भ्रामक है। आमजन एवं मीडिया संस्थानों से अपील है कि किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की गहराई से जांच करें.. ताकि समाज में अनावश्यक भ्रम और संवेदनशील मुद्दों पर गलत संदेश न जाए।