32 लाख रिश्वत मामले में मुख्य आरोपी ने वापस ली जमानत अर्जी

बिलासपुर: 32 लाख रुपये रिश्वत देने के आरोप में फंसे एससीसीआर (SCCR) के तहत आरएसडब्ल्यू (RSW) के मुख्य अभियंता विशाल आनंद ने अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी हाईकोर्ट से वापस ले ली है। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने सीबीआई को आनंद के मेडिकल रिकॉर्ड का सत्यापन करने का निर्देश दिया था।
यह मामला विशाल आनंद द्वारा अपने भाई के जरिए कथित तौर पर झांझरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी को रिश्वत देने से संबंधित है।
सीबीआई ने एससीसीआर के आरएसडब्ल्यू के मुख्य अभियंता विशाल आनंद को रिश्वत देने के मामले में कार्रवाई की थी।
इस मामले में सीबीआई ने झांझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के एमडी सुशील झांझरिया को भी गिरफ्तार किया था। झांझरिया ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वह गंभीर किडनी रोग से पीड़ित हैं और उनकी हालत ऐसी है कि किसी भी समय कोई अनहोनी हो सकती है।
उन्होंने अपने चिकित्सा दस्तावेज भी पेश किए थे, लेकिन कोर्ट ने तत्काल सुनवाई को खारिज करते हुए केस डायरी मंगवाई थी।
हाईकोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता को निर्देश दिया था कि इन दस्तावेजों की जांच के साथ ही जेल अस्पताल या किसी अन्य अस्पताल में चल रहे इलाज की विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। इस बीच, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आरोपों में अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ले ली गई।
गौरतलब है कि सीबीआई ने झांझरिया जगमल चौक स्थित झांझरिया कंस्ट्रक्शन के कर्मचारी मनोज पाठक को 31 लाख 93 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
आरोप है कि यह रकम विशाल आनंद की ओर से ली जा रही थी। इस मामले में सीबीआई ने विशाल आनंद, उनके भाई कुणाल आनंद, झांझरिया कंस्ट्रक्शन के एमडी सुशील झांझरिया और रिश्वत ले रहे कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक को गिरफ्तार किया था।