मुख्य न्यायाधीश की दूरदर्शी पहल..अंबागढ़ चौकी में किया आवास निर्माण का शिलान्यास..कहा…न्यायकर्मियों मिलेगा मॉडल आवास

बिलासपुर — छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने आज जिला राजनांदगांव के बाह्य न्यायालय अंबागढ़ चौकी में न्यायिक कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण हेतु भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।
कार्यक्रम का आयोजन न्यायिक कर्मचारियों को बेहतर कार्य वातावरण और आधुनिक आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में गुणवत्ता और गति सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश सिन्हा ने कहा:
“न्याय प्रदान करना केवल न्यायिक प्रणाली का एक हिस्सा है, लेकिन इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ, सुरक्षित और उचित कार्य-वातावरण देना उतना ही आवश्यक है।”
न्यायिक कर्मियों को उच्च गुणवत्ता वाले आवास
मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि सभी जिलों और बाह्य न्यायालयों में कर्मचारियों के लिए उच्च गुणवत्ता के आवासीय परिसर बनाए जाएंगे, जो आधुनिक संसाधनों से युक्त होंगे और अन्य जिलों के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किए जा सकेंगे। उन्होंने कर्मचारियों से भी अपील की कि वे नए परिसर को स्वच्छ रखें और उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का संरक्षण करें ताकि भविष्य में अन्य कर्मचारी भी इसका लाभ उठा सकें।
कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति
वर्चुअल कार्यक्रम में माननीय न्यायमूर्ति संजय कुमार जायसवाल, पोर्टफोलियो न्यायाधीश, जिला राजनांदगांव, तथा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशगण वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजनांदगांव के स्वागत भाषण से हुई, और समापन जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, अंबागढ़ चौकी के धन्यवाद ज्ञापन से संपन्न हुआ।
इस दौरान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री के अधिकारीगण, न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारी, अधिवक्ता, कर्मचारीगण तथा मीडिया प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
राज्यभर में न्यायिक अधोसंरचना का विस्तार
जानकारी हो कि मुख्य न्यायाधीश सिन्हा ने पदभार ग्रहण करने के उपरांत राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में न्यायिक व्यवस्था की जमीनी स्थिति का स्वयं निरीक्षण किया। उसके आधार पर आवश्यक अधोसंरचनात्मक विकास की दिशा में दूरदर्शी कदम उठाए हैं। प्रक्रिया के परिणामस्वरूप प्रदेश में न्यायिक कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ी है तथा पक्षकारों को बेहतर, शीघ्र और सुलभ न्याय मिल रहा है।