निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित 44 कर्मचारियों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस
तहसीलदार प्रमोद कुमार पटेल ने कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कुनकुरी में औचक निरीक्षण किया। जिसमें से 06 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। नायब तहसीलदार दुलदुला राहुल कौशिक द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी दुलदुला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में 10 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।

जशपुरनगर/ कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर शासकीय कार्यालयों को सुव्यस्थित और समयबद्ध कार्य प्रणाली विकसित कर लोगों के बेहतर सुविधाएं प्रदान करने कार्यालयों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जिसके तहत सोमवार को बीईओ कार्यालय दुलदुला, कुनकुरी, बगीचा, जशपुर, मनोरा, पत्थलगांव का औचक निरीक्षण किया गया।
जिसमें 44 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इन सभी कर्मचारियों को कलेक्टर के निर्देशानुसार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। असंतोषजनक जवाब पाए जाने पर कर्मचारियों पर एक दिन का अवैतनिक करने की कार्रवाई की जाएगी।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बगीचा में एसडीएम ऋतुराज सिंह बिसेन द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। जहां 06 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जशपुर में एसडीएम ओंकार यादव द्वारा निरीक्षण किया गया। जहां कुल 22 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
तहसीलदार प्रमोद कुमार पटेल ने कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कुनकुरी में औचक निरीक्षण किया। जिसमें से 06 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। नायब तहसीलदार दुलदुला राहुल कौशिक द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी दुलदुला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में 10 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
कलेक्टर रोहित व्यास ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याएं सुनी। जिले के नागरिकों ने अपनी समस्याओं और मांगों को सीधे कलेक्टर के समक्ष रखा। जनदर्शन में कुल 76 आवेदन प्राप्त हुए। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
जनदर्शन में आवेदकों के राजस्व संबंधी मामले, प्रधानमंत्री आवास योजना, आजीविका, कुआं निर्माण, उज्ज्वला कनेक्शन, कृषि संबंधित, दैनिक मानदेय प्रदाय कराने सहित विभिन्न मांगों से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए। ज्ञात हो कि अब जनदर्शन के सभी आवेदनों को समय सीमा बैठक में भी रखा जाएगा। जहां से इसकी निगरानी की जाएगी एवं एक सप्ताह के भीतर प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।