Rohit Sharma के संन्यास और विराट की संभावित गैरमौजूदगी से इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की राह होगी बेहद मुश्किल
ऋषभ पंत जहां 36.58 की औसत से सबसे ज्यादा 1317 रन बना चुके हैं, वहीं विराट कोहली ने 31.25 की औसत से 1250 रन बनाए हैं। चेतेश्वर पुजारा और केएल राहुल भी इस सूची में हैं, लेकिन अब इनका टीम में स्थान निश्चित नहीं है। रोहित शर्मा ने 950 रन बनाए और अब संन्यास ले चुके हैं, जिससे टीम की बल्लेबाजी में अनुभव की कमी साफ नजर आएगी।

भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत अब धीरे-धीरे सामने आता दिख रहा है। Rohit Sharma के संन्यास की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है और विराट कोहली के भी इस प्रारूप से संन्यास लेने की चर्चाएं तेज हैं। ऐसे में इंग्लैंड दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की अहम सीरीज से पहले टीम इंडिया के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। खासतौर पर जब मुकाबला इंग्लैंड की उछाल और स्विंग वाली पिचों पर खेला जाना हो, तब युवा भारतीय टीम की परीक्षा और भी कठिन हो जाती है।
टीम इंडिया को हमेशा से ही SENA देशों—साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया—की धरती पर बल्लेबाजी में संघर्ष करते देखा गया है। इन मुश्किल परिस्थितियों में भारत की सबसे बड़ी ताकत रहे हैं विराट कोहली और रोहित शर्मा, लेकिन अब इनकी गैरहाजिरी टीम की बल्लेबाजी को असंतुलित कर सकती है। आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि SENA देशों में 2020 के बाद से टीम इंडिया की बल्लेबाजी का दारोमदार इन्हीं खिलाड़ियों पर रहा है।
ऋषभ पंत जहां 36.58 की औसत से सबसे ज्यादा 1317 रन बना चुके हैं, वहीं विराट कोहली ने 31.25 की औसत से 1250 रन बनाए हैं। चेतेश्वर पुजारा और केएल राहुल भी इस सूची में हैं, लेकिन अब इनका टीम में स्थान निश्चित नहीं है। रोहित शर्मा ने 950 रन बनाए और अब संन्यास ले चुके हैं, जिससे टीम की बल्लेबाजी में अनुभव की कमी साफ नजर आएगी।
अगर सिर्फ इंग्लैंड की बात करें, तो विराट कोहली ने 17 टेस्ट मैचों में 1096 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक शामिल हैं। वहीं पंत ने 9 टेस्ट में 556 रन बनाए हैं, लेकिन इंग्लैंड की पिचों पर नियमित सफलता उनके लिए भी चुनौती रही है। केएल राहुल और रहाणे जैसे बल्लेबाजों का औसत 30 से नीचे या पास-पास ही रहा है, जो इंग्लैंड में सफल नहीं माने जाते।
टीम इंडिया के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि इंग्लैंड के दो दिग्गज गेंदबाज—जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड—अब टीम का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इंग्लैंड की स्विंग गेंदबाजी कमजोर हो गई है। घरेलू परिस्थितियों में इंग्लैंड के युवा गेंदबाज भी किसी भी टीम के लिए सिरदर्द बन सकते हैं, खासकर जब सामने अनुभवहीन बल्लेबाजी क्रम हो।
अब जब विराट कोहली के न खेलने की संभावना जताई जा रही है, ऐसे में युवा खिलाड़ियों को आगे आकर जिम्मेदारी निभानी होगी। ऋषभ पंत और केएल राहुल जैसे अनुभवी चेहरों के साथ नए खिलाड़ियों को स्विंग, बाउंस और मानसिक दबाव का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
20 जून से शुरू हो रही इस बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को न सिर्फ इंग्लैंड की चुनौती से जूझना है, बल्कि अपनी कमजोर बल्लेबाजी और अनुभवहीनता को भी पीछे छोड़ते हुए खुद को साबित करना होगा। यह सीरीज सिर्फ स्कोरबोर्ड की जंग नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी के आत्मविश्वास और धैर्य की परीक्षा बनने जा रही है।