“जनता परेशान, उद्योगपति मेहरबान” — उमंग सिंघार ने बिलासपुर में खोली भाजपा सरकार की पोल

बिलासपुर…मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और केंद्रीय पर्यवेक्षक श्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार को बिलासपुर कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। वे संगठन सृजन अभियान के तहत तीन दिवसीय दौरे पर बिलासपुर एवं मुंगेली जिले पहुंचे हैं।
उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार जनता के लिए नहीं, बल्कि अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को देखकर नहीं लगता कि वह मुख्यमंत्री है ।कि बल्कि प्रधानमंत्री के असिस्टेंट की भूमिका निभा रहे हैं। वे जनता से संवाद नहीं करते, न ही आम लोगों की समस्याओं को सुनते हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया — “अमित शाह कई बार छत्तीसगढ़ आए, क्या वे मुख्यमंत्री को बचाने के लिए आए थे या फिर अडानी खदानों के हितों के लिए?”
बिजली बिल और स्मार्ट मीटर पर हमला
कांग्रेस नेता ने बिजली बिलों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि “100 यूनिट से एक यूनिट ज्यादा होते ही बिजली बिल कई गुना बढ़ जाता है, जबकि कांग्रेस सरकार में 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ था।”
उन्होंने आगे कहा, “स्मार्ट मीटर विदेशी कंपनियों के रिमोट से चलते हैं और इसमें अडानी समूह का शेयर है। यह आम जनता नहीं, पूंजीपतियों के हित में उठाया गया कदम है।”
गाय को ‘राष्ट्रमाता’ बनाए जाने पर प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में गाय को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने की मांग पर उमंग सिंघार ने कहा —सिर्फ दर्जा देने से कुछ नहीं होगा। असल सवाल है, सड़कों पर मर रही और कत्लखानों में जा रही गायों की सुरक्षा कैसे होगी? अगर सरकार ईमानदार है, तो उसे कानून और व्यवस्था के जरिए गायों की वास्तविक सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”
युवाओं और विशेष वर्ग को टिकट देने के संकेत
टिकट वितरण को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि “चुनाव लड़ने की प्राथमिकता अलग होती है और संगठन चलाने की प्राथमिकता अलग। जातिगत और सामाजिक समीकरणों के साथ युवाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। हजारों-लाखों कार्यकर्ता NSUI और युवा कांग्रेस से जुड़ रहे हैं। निश्चित तौर पर युवाओं को इस बार टिकट मिलेगा।”
जिला संगठन पुनर्गठन पर चर्चा
बिलासपुर प्रवास के दौरान उमंग सिंघार मुंगेली और बिलासपुर जिले के कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। वे जिला, शहर और ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर परामर्श लेंगे और संगठन के पुनर्गठन पर विस्तृत चर्चा करेंगे।