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ऑपरेशन मुखबीरी…ईडी ने चार्जशीट में किया खुलासा..इस पुलिस अधिकारी ने किया रेकी…सरकारी दफ्तर का चपरासी भी शामिल

ऑपरेशन मुखबीरी में चपरासी समेत हॉटल स्टाफ भी शामिल

रायपुर—महादेव सट्टा एफ में एक और नया मामला सामने आया है।  ईडी ने अपने चार्जशीट में खुलासा किया है कि गोरखधंधे में शामिल प्रमोटर्स को बचाने के लिए  ‘मुखबिरी का नेटवर्क’ चलाया जा रहा था। नेटवर्क में पुलिस के अधिकारी भी शामिल थे। ईडी और आयकर की टीम ने जब भी रेड कार्रवाई के लिए रणनीति तैयार किया। इसकी भनक सट्टेबाजों तक पहले ही पहुंच जाती थी।

एडिशनल एसपी की विशेष कृपा

महादेव सट्टा एफ घोटाला मामले में ईडी ने नया खुलासा किया। ईडी ने पेश किये गए चार्जशीट में ‘ऑपरेशन मुखबिरी’ का जिक्र किया है। चार्जशीट में बताया है कि तत्कालीन एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने केंद्रीय एजेंसियों के मूवमेंट की एक एक जानकारी एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को दिया है। एएसआई वर्मा ने एडिश्नल एसपी से मिली जानकारियों को सुनील ओटवानी, डॉ. सलिक, अरविंद गोयनका, सतीश चंद्राकर समेत अन्य लोगों तक व्हाट्सएप से पहुंचाता था। आपरेशन मुखबीरी में पुलिसकर्मियों के अलावा होटल स्टाफ,चाय,खोमचा वाले समेत सरकारी दफ्तर के चपरासी भी शामिल थे। इसके चलते केन्द्रीय एजेंसियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

चाय खोमचे वालों ने की मुखबीरी

 चार्जशीट में बताया गया कि राजधानी के कई बड़े हॉटल मुखबीरी के नेटवर्क में शामिल हैं।  हाॉटल में केंद्रीय एजेंसियों के पहुंचने की जानकारी तत्काल मुख्य आरक्षक संदीप दीक्षित और राधाकांत पांडे को दी जाती था। दोनो एंजेसियों की गतिविधियों की जानकारी एडिशनल एसपी को देते थे। इसके बाद ‘खुफिया जानकारी’ एएसआई वर्मा के जरिए सट्टा किंगपिन तक पहुंच जाती थी। ईडी दफ्तर के बाहर चाय वाले से लेकर वेंडर तक मुखबीरी के अहम् हिस्सा रहे। इस दौरान अधिकारियों की आवाजाही पर नज़र रखते थे।

एएसआई वर्मा ने किया कबूल

ई़डी के अनुसार पूछताछ में एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने कबूल किया है कि एडिशनल एसपी को सूचना देने का जिम्मा दिया गया था। वर्मा ने माना कि कई बार व्हाट्सएप से सूचनाएं मिली है।

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