रात में टॉर्च की रोशनी से उत्पीड़न!.. 800 करोड़ अटका.. ठेकेदारों की खुली धमकी

रायपुर…छत्तीसगढ़ में निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। अधिकारियों द्वारा टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी, भुगतान रोकना, और निरीक्षण के नाम पर प्रताड़ना जैसी घटनाओं से परेशान ठेकेदारों ने मंगलवार को रायपुर में प्रदेश स्तरीय बैठक कर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेशभर में चल रहे विकास कार्य ठप हो सकते हैं।
800 करोड़ का भुगतान अटका
छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष वीरेश शुक्ला ने खुलासा किया कि बस्तर संभाग में 800 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान महीनों से अटका हुआ है। बिना रिश्वत दिए भुगतान फाइलें पास नहीं हो रही हैं, जिससे काम करने वाले ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है।
रात में टॉर्च से निरीक्षण – प्रताड़ित किया जा रहा
ठेकेदारों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए कि वे दिन में नहीं बल्कि रात में टॉर्च की रोशनी में स्पॉट निरीक्षण कर ठेकेदारों को बुलाए बिना उन्हें परेशान करते हैं। यह तरीका ठेकेदारों के आत्मसम्मान पर चोट करने वाला बताया जा रहा है।
विकास कार्य ठप होने की चेतावनी
बैठक में तय किया गया कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो ठेकेदार प्रदेशभर में निर्माण कार्य रोक देंगे। साथ ही मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रियों से मिलकर अपनी शिकायतें दर्ज कराई जाएंगी। ठेकेदारों का कहना है कि यह आंदोलन विकास कार्यों को रोकने के लिए नहीं, बल्कि कार्य व्यवस्था को सुधारने के लिए है।
ठेकेदारों की मांग – पारदर्शिता और सम्मान
ठेकेदारों ने प्रशासन से मांग की है कि भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी हो, निरीक्षण व्यवस्थित तरीके से किया जाए और रिश्वतखोरी जैसे भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करती है तो वे प्रदेश के विकास में पूरी तरह सहयोग करेंगे।