Mathura famous mawa peda recipe- अब मथुरा क्यों जाना? घर की रसोई में ही महकेगी श्रीकृष्ण के प्रिय पेड़े की खुशबू, जानें बनाने का वो ऑथेंटिक तरीका!
मथुरा का पेड़ा तो पूरे देश में मशहूर है, क्योंकि इसका स्वाद लाजवाब होता है. मार्केट में इस स्वादिष्ट मिठाई को बनाने के दौरान भी मिलावट की जाती है, जिससे इसका स्वाद बिगड़ जाता है. आर्टिकल में जानेंगे पेड़ा बनाने की ट्रेडिशनल रेसिपी.

Mathura famous mawa peda recipe/भारत में हर खुशी का इज़हार मीठे से होता है। त्योहार हो या कोई शुभ समाचार, मिठाई के बिना सब अधूरा है। और जब बात मिठाइयों के राजा ‘पेड़े’ की हो, तो ज़ुबान पर एक ही नाम आता है – मथुरा के पेड़े! श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की इन गलियों से आने वाली मावे की सौंधी-सौंधी खुशबू और वो दानेदार स्वाद, जिसे चखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
लेकिन अक्सर शिकायत रहती है कि अब हर जगह वो पहले वाला पारंपरिक स्वाद नहीं मिलता। तो क्यों न इस बार वो जादुई स्वाद अपनी ही रसोई में तैयार किया जाए?
जी हाँ, आप घर पर ही बिल्कुल मथुरा जैसे दानेदार और स्वादिष्ट पेड़े बना सकते हैं, जिनका भोग आप भगवान को भी लगा सकते हैं और अपनों का मुँह भी मीठा करा सकते हैं।
क्या है इस जादुई स्वाद का राज? (सामग्री)
असली स्वाद के लिए असली सामान ज़रूरी है। सबसे उत्तम परिणाम के लिए गाय के दूध से घर पर ही मावा (खोया) बनाएं।
मावा (खोया): 250 ग्राम (घर का बना हो तो क्या कहने!)
तगार (बूरा): 150 ग्राम (या पौन कप)
देसी घी: 3 से 4 चम्मच (खुशबू और स्वाद के लिए)
छोटी इलायची: 4-5 (ताज़ी पिसी हुई)
गार्निश के लिए: 15-20 काजू या बादाम, बीच से दो टुकड़ों में कटे हुए।
चलिए शुरू करते हैं स्वाद का सफर (बनाने की विधि):
पहला कदम: मावा भूनने की कला
सबसे पहले मावे को हाथ से अच्छी तरह मसलकर क्रम्बल कर लें।
एक मोटे तले की कड़ाही में मावा डालकर धीमी आंच पर भूनना शुरू करें।
इसे लगातार चलाते रहें, यह थोड़ा धीरज का काम है! जब मावा हल्का रंग बदलने लगे तो इसमें 2 चम्मच देसी घी डालें। घी डालने से पेड़े का स्वाद दोगुना हो जाता है और मावा कड़ाही में चिपकता नहीं है।
इसे तब तक भूनते रहें जब तक इसका रंग गहरा भूरा न हो जाए। अगर मावा ज़्यादा सूखने लगे तो बीच में एक या दो चम्मच दूध मिला सकते हैं।
जब मावा परफेक्ट ब्राउन हो जाए, तो गैस बंद कर दें। ध्यान दें: कड़ाही गर्म होने के कारण मावा जल सकता है, इसलिए गैस बंद करने के बाद भी इसे कुछ देर चलाते रहें।
दूसरा कदम: मिठास और सुगंध का सही मेल
भुने हुए मावे को एक प्लेट में निकालकर पूरी तरह ठंडा होने दें।
जब मावा बिल्कुल हल्का गुनगुना रह जाए (यह बहुत ज़रूरी है, गर्म में चीनी न मिलाएं), तब इसमें पिसी हुई इलायची और तगार (बूरा) मिलाएं।
प्रो टिप: कुल बूरे में से 2-3 चम्मच बूरा अलग निकाल कर रख लें।
मिश्रण को चम्मच या हाथ से अच्छी तरह मिलाएं ताकि बूरा मावे में एकसार हो जाए।
आख़िरी पड़ाव: पेड़े को दें मनचाहा आकार
जो बूरा आपने अलग बचाया था, उसे मिक्सर में एक बार चलाकर बिल्कुल बारीक पाउडर बना लें और एक प्लेट में फैला दें।अब मावे के मिश्रण से छोटे-छोटे, गोल या थोड़े चपटे पेड़े बनाना शुरू करें।हर पेड़े को बूरे के पाउडर में अच्छी तरह लपेटें (कोट करें)। यही वो सीक्रेट है जिससे पेड़ों पर मथुरा जैसी दानेदार परत आती है।आखिर में हर पेड़े के ऊपर काजू या बादाम का एक टुकड़ा लगाकर उसे सजाएं।