Chhattisgarh

शराब घोटाला: मिलावटी शराब और 12 लाख की हेराफेरी, सीसीटीवी फुटेज गायब, आबकारी अमले की संलिप्तता के संकेत

गिरफ्तार आरोपी शेखर बंजारे ने पूछताछ में खुलासा किया है कि यह पूरा गोरखधंधा जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में था और उन्हें इसकी एवज में मोटी रकम पहुंचाई जाती थी। इस पूरे मामले में एक अन्य आरोपी सागर सोनवानी फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें सक्रिय हैं।

शराब घोटाला: रायपुर के लालपुर स्थित कंपोजिट शराब दुकान में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें मिलावटी और बगैर होलोग्राम वाली शराब बेचने के मामले में जिला आबकारी और फ्लाइंग स्क्वॉड की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मी शेखर बंजारे को गिरफ्तार किया है।

जांच में सामने आया कि शराब दुकान में भारी मात्रा में हेराफेरी हो रही थी, और तकरीबन 12 लाख रुपये की शार्टेज भी पाई गई।

गिरफ्तार आरोपी शेखर बंजारे ने पूछताछ में खुलासा किया है कि यह पूरा गोरखधंधा जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में था और उन्हें इसकी एवज में मोटी रकम पहुंचाई जाती थी। इस पूरे मामले में एक अन्य आरोपी सागर सोनवानी फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें सक्रिय हैं।

सवालों के घेरे में आबकारी विभाग
गंभीर बात यह है कि राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा मांगी गई दुकान की सीसीटीवी फुटेज की डीवीआर अब तक नहीं सौंपी गई है, जिसे लेकर संदेह और गहराता जा रहा है। आबकारी विभाग की टीम ने आखिर डीवीआर अब तक क्यों अपने पास रखी है, यह एक बड़ा सवाल बनकर उभरा है।

मध्यप्रदेश से भी हो सकते हैं तार जुड़े
सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े के तार मध्यप्रदेश से भी जुड़े हो सकते हैं। प्लेसमेंट एजेंसी के बड़े अधिकारी भी जांच के दायरे में आ चुके हैं। अब तक तीन-चार कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और माना जा रहा है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी सिर्फ एजेंसी कर्मियों के स्तर पर नहीं हो सकती। इसी कारण यह मामला पुलिस को भी सौंपा गया है।

फर्जी दस्तावेज़ों से मिली नौकरी
पुलिस में दर्ज FIR के अनुसार शेखर बंजारे ने अपने भाई के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर प्लेसमेंट एजेंसी में नौकरी हासिल की थी। इस धोखाधड़ी ने संदेह को और पुख्ता किया है कि पूरा खेल योजनाबद्ध तरीके से चल रहा था।फर्जीवाड़े की खबरें पहले भी मिलती रही थीं, जिसके बाद सहायक आबकारी आयुक्त को निलंबित किया गया था। जानकारी के अनुसार, पिछले तीन-चार महीनों से दुकान में कैमरे बंद कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। बगैर होलोग्राम वाली शराब की खुलेआम बिक्री और मिलावट, महंगी बोतलों में सस्ती शराब भरने जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं।

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