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कोटा विधायक और जिला कांग्रेस अध्यक्ष में ठनी..आसने-सामने विजय और अटल…मामला पीसीसी अध्यक्ष तक पहुंचा..पढ़ें क्या क्या हुआ

एक दिन कोटा विधायक और जिला कांग्रेस अध्यक्ष में विवाद

बिलासपुर–एक दिन पहले कांग्रेस नेता के घर पर भोज कार्यक्रम के बाद कोटा विधायक और जिला कांग्रेस अध्यक्ष के बीच तथाकथित वाद विवाद का मामला गहराता जा रहा है। मामला अब लिखा पढ़ी तक पहुंच गया है। यद्यपि मामले में अभी तक कोटा विधायक ने कुछ भी बयान नहीं दिया है। लेकिन मंगलवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने पीसीसी प्रमुख दीपक बैज को कोटा विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर संगठन में हलचल मचा दिया है। मामले में विजय केशरवानी ने दीपक बैज को पत्र भी भेज दिया है।

         जानकारी देते चलें कि एक दिन पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव अल्प प्रवास पर निजी कार्यक्रम में बिलासपुर पहुंचे। पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय और कांग्रेस प्रदेश सचिव पंकज सिंह के आवास पहुंचकर निजी कार्यक्रम में टीएस ने भाग लिया। कांग्रेस नेता पंकज सिंह के घर पहुंचकर कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव,प्रमोद नायक समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने टीएस का स्वागत किया। कार्यक्रम में शैलेष पाण्डेय और विजय केशरवानी ने भी शिरकत किया।

             कार्यक्रम के बाद सिंहदेव के रवाना होने के दौरान किसी बात को लेकर कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव और जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी के बीच विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान कोटा विधायक ने कुछ कहा…लेकिन तत्कालीन समय मामला समाने नहीं आया। बावजूद इसके कांग्रेस के बीच के ही कुछ नेताओं ने बताया कि दोनो नेताओं के बीच निष्कासन कार्रवाई को लेकर विवाद हुआ। इसके पहले मामला आगे बढ़ता बीच बचाव के बाद दोनो नेता अलग अलग दिशा में निकल गये।

   दूसरे दिन यानी मंगलवार को मामला तब सुर्खियों में आया जब जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने पीसीसी प्रमुख दीपक बैज को पत्र लिखकर कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ अनुूशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। दीपक बैज को लिखे पत्र में विजय ने कहा कि विधायक ने उन्हें सबसे सामने चपरासी और कलेक्टर की बात कह अपमानित किया है। जबकि इस दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री भी मौजूद थे।

      दीपक बैज को लिखे पत्र में विजय केशरवानी ने बताया कि नगर निकाय चुनाव के दौरान पार्टी अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ कमोबेश सभी वार्डों में खुलाघात किया गया। कई प्रत्याशियों ने तो बागियों के खिलाफ दस्तावेज के साथ कई गंभीर आरोप लगाए।  शिकायत को गंभीरता से लेकर जांच पड़ताल किया गया। मामला सही पाए जाने पर पार्टी गाइड लाइन के अनुसार कार्रवाई कर प्राथमिक सदस्यता निरस्त करते हुए बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया।

           पत्र मे विजय केशरवानी ने आरोप लगाया है कि इस बात को लेकर कोटा विधायक ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सामने अशोभनीय आचरण किया है। मीडिया में अपमानित करने वाला बयान दिया है। उन्होने सबके सामने जिला कांग्रेस अध्यक्ष को चपरासी और खुलाघात करने वालों को कलेक्टर बताया है। ऐसा कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। विजय केशरवानी ने पीसीसी अध्यक्ष से कोटा विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

कोटा विथायक ने क्या कहा..

दीपक बैज को भेजे गए आरोप पत्र को लेकर सीजी वाल ने कोटा विधायक से सम्पर्क का प्रयास किया। लेकिन लगातार प्रयास के बाद भी सम्पर्क नहीं हो पाया। फिलहाल विजय केशरवानी के आरोप पत्र को लेकर संगठन में जमकर बवाब मचा हुआ है। देखने वाली बात होगी की चुनाव में बुरी तरह से टूटते दिख रही कांग्रेस पार्टी अब कहां जाकर संभलती है।

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