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पैरों के तलवों में जलन और सूजन से परेशान? जानिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

सुबह उठते ही पैरों के तलवों में जलन होना कई समस्याओं के कारण हो सकता है.

पैरों के तलवों में जलन और सूजन एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है। कुछ लोगों को यह समस्या विटामिन की कमी के कारण होती है, जबकि कुछ को खराब रक्त परिसंचरण की वजह से इसका सामना करना पड़ता है।

अगर आप गलत जूते या चप्पल पहनते हैं, तो इससे भी पैरों में जलन और सूजन की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा, लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने, गर्भावस्था, किडनी से जुड़ी समस्याओं, हृदय रोग, थायरॉइड और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों के कारण भी पैरों में सूजन आ सकती है।

इसे एडिमा भी कहा जाता है, जो नसों में अतिरिक्त तरल पदार्थ के जमा होने से होती है।

अगर आपके पैरों में जलन या सूजन की समस्या बनी रहती है, तो यह जरूरी है कि आप डॉक्टर से परामर्श लें। चिकित्सक आपके स्वास्थ्य इतिहास, शारीरिक परीक्षण और अन्य जांचों के आधार पर सही कारण की पहचान कर सकते हैं।

लेकिन अगर आप तुरंत राहत पाना चाहते हैं, तो आयुर्वेद में इसके लिए कई प्राकृतिक और प्रभावी उपचार बताए गए हैं। ये उपाय न सिर्फ अस्थायी राहत प्रदान करते हैं, बल्कि समस्या की जड़ तक पहुंचकर उसे ठीक करने में भी मदद करते हैं।

घी और हल्दी से मसाज: देसी गाय का घी पैरों की सूजन को कम करने में बेहद असरदार साबित होता है। इसमें हल्दी मिलाकर हल्के हाथों से मालिश करने से नसों को आराम मिलता है और शरीर को ठंडक मिलती है। अगर इसे सोने से पहले किया जाए, तो लाभ अधिक होता है।

एलोवेरा और नारियल तेल का मिश्रण: एलोवेरा और नारियल तेल दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इन दोनों को मिलाकर पैरों पर लगाने से सूजन शांत होती है और त्वचा को ठंडक मिलती है। एलोवेरा के सूजनरोधी गुण नसों को आराम देते हैं और जलन को दूर करने में मदद करते हैं।

त्रिफला जल का उपयोग: त्रिफला, जिसे आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है, आंवला, बहेड़ा और हरड़ से मिलकर बना होता है। त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर रातभर भिगो दें और सुबह इस पानी से अपने पैरों को धोएं। यह प्रक्रिया सूजन को कम करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होती है।

चंदन और गुलाब जल का पेस्ट: चंदन अपने ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। इसे गुलाब जल के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें और पैरों के तलवों पर लगाएं। यह उपाय शरीर की गर्मी को कम करता है और तुरंत ठंडक पहुंचाता है। इसे 10 से 15 मिनट तक लगाने के बाद ठंडे पानी से धो लें, जिससे सूजन और जलन में राहत मिलेगी।

धनिया बीज का पानी: धनिया का उपयोग सिर्फ खाने में ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक उपचार में भी किया जाता है। इसके औषधीय गुण शरीर की गर्मी को संतुलित रखते हैं और सूजन को कम करते हैं। रातभर धनिया के बीजों को पानी में भिगोकर सुबह इस पानी को पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और पित्त दोष को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

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