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नहीं थम रहा जिला पंचायत से गायब सामान का मामला…आवास मांगने बुके लेकर पहुंचे राजेश सूर्यवंशी..कहा..मोला नहीं मालूम, समान ला कौन डोहारे हवय
मामले को दबाने का किया जा रहा प्रयास...राजधानी से केन्द्रीय मंत्री के कार्यालय तक हलचल

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बिलासपुर—जिला पंचायत अध्यक्ष आवास और कार्यालय से गायब लाखों की कीमती सामान का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामला रायपुर से लेकर केन्द्रीय मंत्री के कार्यालय तक पहुंच गया है। नया मोड़ उस समय आया..जब नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष बुके लेकर आवास मांगने जिला पंचायत सीईओ मिलने पहुंचे। बातचीत के दौरान सीईओ के हवाले से राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि आवास मिलने में एक महीने लग जाएंगे। बताया जा रहा है कि बहुत काम करना है। सीईओ ने कहा कि समय लग सकता है। सीईओ ने जानकारी दिया कि नव निर्वाचित अध्यक्ष को नियमानुसार सिर्फ कैम्प कार्यालय के लिए ही कुर्सी टेबल और कम्प्यूटर ही दे सकेंगे।
जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यालय और आवास का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नया मोड़ उस समय आया जब बुके के साथ नव निर्वाचित अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी स्वागत करने सीईओ के पास पहुंचे। इस दौरान उन्होने आवास का जिक्र किया । सीईओ ने बताया कि आवास में अभी बहुत काम बाकी है।
मोला नहीं मालूम कौन डोहारे हे
बातचीत के दौरान राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि आवास से क्या क्या डोहारे हैं…फिलहाल उसे इसकी जानकारी नहीं है। आवास पूरी तरह से कबाड़ हो चुका है। मरम्मत के काम में एक महीना लग जाएगा। उम्मीद थी कि रामनवमी के दिन परिवार के साथ आवास प्रवेश करता..। फिलहाल ऐसी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। लेकिन कार्यालय मिल गया है। राजेश सूर्यवंशी ने जानकारी दिया कि परिवार के साथ नए आवास में रहूंगा। सरकार क्या सुविधा देगी..इसकी जानकारी नहीं है। इस विषय में सीईओ साहब ही बताएंगे।
सीईओ संदीप अग्रवाल ने बताया कि नियमानुसार ही अध्यक्ष को सुविधाएं दी जाएंगी। एक कम्प्यूटर के अलावा टेबल और कुछ कुर्सी देंगे। यह सुविधा कैम्प कार्यालय को ध्यान में रखकर दिया जाएगा।संदीप अग्रवाल ने कहा पलंग और अन्य सुविधाएं शासन की तरफ से नहीं है।
मामले को दबाने का प्रयास
मामले में जिला पंचायत के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैंं। लेकिन दबी जुूबान में आवास से गायब 15 लाख के सामान में कुछ निजी और ज्यादा सरकारी होना बता रहे हैं। पंचायत के एक बाबू ने यहां तक बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर ही अध्यक्ष के आवास में आधा दर्जन एसी लगाया गया। जगुआर का नल और टोंटी अधिकारी के मौखिक आदेश पर ही लगा। सारा सामान निजी बताना गलत है। हिसाब किताब रखने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। इसी तरह कार्यालय से भी मंहगीं कुर्सियां और लाखों रूपयों का सोफा सेट कहां चला गया किसी को पता नहीं है। दरअसल प्रकरण को दबाया जा रहा है।
रायपुर से केन्द्रीय मंत्री कार्यालय तक चर्चा
जिला पंचायत अध्यक्ष के आवास और कार्यालय से गायब सामान की चर्चा रायपुर से लेकर केन्द्रीय मंत्री के कार्यालय तक पहुंच गयी है। बताया जा रहा है कि संगठन ने मुद्दे को लेकर चर्चा का फैसला किया है। अधिकारियों से भी जानकारी लिए जाने की बात सामने आ रही है।
उदास दिखे राजेश सूर्यवंशी
आवास मिलने में लेट लतीफी और सामान गायब होने के विवाद के बीच नव निर्वाचित अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी काफी नाराज और उदास दिखे। बातचीत के दौरान उन्होने कहा कि सुविधा मिले या नहीं मिले…अपने परिवार के साथ घर का सामान लेकर आउंगा। मां को भी लाउंगा। आवास से क्या क्या गायब हुआ है..इसकी जानकारी उसे नहीं है। मैं सीधा साधा आदमी हूं…सीधा सीधा सोचता हूं।
किसने किया गायब..कार्यालय में चर्चा
जिला पंचायत में 25 लाख का सामान गायब होने को लेकर जमकर चर्चा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि नल की टोंटी का गायब होना शर्म की बात है। करीब 200 कुर्सियां भी गायब है। आधा दर्जन एसी,दो लैपटाप,दो कम्य्यूटर, जगुआर का नल, क्राकरी सब कुछ तो जिला पंचायत से दिया गया था। चूंकि सारा सामान गायब हो गया है इसलिए बदनामी के डर से प्रकरण को दबाया जा रहा है। इसलिए सुविधा के नाम पर अब सरकारी नियम का हवाला दिया जा रहा है।
गाइड लाइन के अनुसार सुविधा
सीईओ ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि जगुआर नल किसने लगवाया और कौन लेकर गया…। यदि जगुआर नल लगा था तो पुराना सामान कहां है के सवाल पर सीईओ ने जानकारी दिया कि सरकारी रूल के अनुसार सामान एक साल के बाद खराब हो जाता है।