Chhattisgarh
आपातकाल में कांग्रेस ने संविधान को रौंदा..भाजपा नेता धरम ने बताया..पचास साल भी कांग्रेस में तानाशाही की मानसिकता
कांग्रेस ने संवैधानिक व्यवस्था के बदले देश को दिया आपातकाल-धरमलाल

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बिलासपुर—इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपा…आज आपातकाल को पूरे पचास साल हो गए हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ना केवल जनता के मौलिक अधिकारो का हनन किया। बल्कि देर रात्रि देश को आपातकाल में झोंक कर लोकतांत्रिक संस्थाओं, निष्पक्ष न्यायपालिका और प्रेस की स्वतंत्रता को पैरों तले रौंद दिया। आज भी कांग्रेस पार्टी और उनके नेता आपातकाल वाली मानसिकता से ग्रस्त हैं। आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर है। यह बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक ने आपातकाल के पचास साल होने पर पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होने बताया कि विरोधीयों का दमन,धार्मिक तुष्टिकरण और सत्ता का अहंकार ही कांग्रेस नेताओं का चरित्र है।
धरमलाल कौशिक ने बताया कि 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव को अमान्य कर दिया। चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद कुर्सी बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आंतरिक अशांति का हवाला देकर राष्ट्रपति के माध्यम से आपातकाल लगवा दिया। रातों-रात प्रेस की बिजली काट दी गई। नेताओं को बंदी बनाया गया। संविधान के अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को रौंदा गया। सांसद और न्यायपालिका को अपंग बना दिया गयाष संविधान के आड़ में रोटी सेंकने वाली कांग्रेस पार्टी एक झटके में देश की संवैधानिक व्यवस्था को तानाशाही में बदल दिया।
बिल्हा विधायक ने कहा कि आजादी के वर्षों बाद भी कांग्रेस की तानाशाही खत्म नहीं हुई है। इंदिरा गांधी ने जयप्रकाश नारायण अटल बिहारी वाजपेई लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी राजनाथ सिंह समेत तमाम वरिष्ठ पक्षी नेता और पत्रकारों को जेल में भर दिया। पातकाल के दौर में कांग्रेस ने न्यायपालिका पर कभी न भरने वाले घाव दिए। इंदिरा गांधी ने जस्टिस एच आर खन्ना जैसे ईमानदार जज को सीनियर होने के बावजूद मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया। क्योंकि उन्होंने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया था। सत्ता को महफूज रखने के लिए संविधान में 39 वांऔर 42 वां जैसा क्रूर और अलोकतांत्रिक संशोधन किया।
धरमलाल कौशिक ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होने कहा कि राहुल गांधई भूल नहीं सकते कि उनकी दादी ने दिल्ली के तुर्कमान गेट पर अपने घरों को बचाने के लिए गुहार लगाने वाले गरीबों पर गोलियां चलवाई थी। गरीबी हटाओ की उन्होने गरीबों को हटाना शुरू किया। संविधान में संशोधन कर धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़े। ताकि कांग्रेस अपने वैचारिक एजेंडे को राष्ट्र पर थोप सके ।
कौशिक ने कहा कि जब जब कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया गया..उसने ना जनादेश का सम्मान किया और ना विपक्ष की गरिमा का ख्याल रखा। कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार की मानसिकता आज भी तानाशाही वाला है। सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाना और देश की छवि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खराब करना कांग्रेस की रणनीति है। देश हर मोर्चे पर प्रगति कर रहा है तब कांग्रेस के नेता सरकार की हर उपलब्धि को झूठलाने में लगी है। यह वही नकारात्मक मानसिकता है जिसे 1975 में देश को पीछे खींचा था।
धरमलाल ने बताया कि आपातकाल आजादी के बाद देश में पहली बार ऐसी घटना है जिसमें सरकार ने राष्ट्र के शत्रुओं को नहीं बल्कि अपनी जनता को ही बंदी बना लिया। आज भी कांग्रेस इस मानसिकता के साथ चल रही है सिर्फ तरीकों में बदलाव हुआ है नियत आज भी वैसे ही तानाशाही वाली है ।प्रेस वार्ता में जिला भाजपा अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर और जिला मीडिया प्रभारी प्रणव शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।