नागपुर के 4 बदमाशों की किस्मत सील…दुर्ग अपहरण कांड में हाईकोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

बिलासपुर…. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दुर्ग के चर्चित कारोबारी अपहरण-फिरौती कांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए नागपुर के चार आरोपियों की अपील खारिज कर दी है। अदालत ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए साफ किया कि फिरौती के लिए अपहरण IPC धारा 364A गंभीर अपराध है, जिसकी सजा केवल मौत या उम्रकैद ही हो सकती है।
क्या था मामला
13 जुलाई 2015 को दुर्ग के कारोबारी अमित गोयल को मकान दिखाने के बहाने कार सवार बदमाशों ने अगवा कर लिया था। अपहरणकर्ताओं ने फोन पर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी और रकम न देने पर जान से मारने की धमकी दी। परिवार ने तय रकम सौंपने के बाद ही अमित गोयल को देर रात उरला रोड पर छोड़ा गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने जांच के दौरान नागपुर से आरोपियों — रविंद्र कृष्णा देवांगन, प्रवीन घाटे, संजय धोंगरे और रवि बंसोड़ — को गिरफ्तार किया। उनके पास से नकदी, सोने के जेवर और अन्य सामान जब्त किए गए।
ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट का फैसला
2019 में ट्रायल कोर्ट ने चारों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। लेकिन जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने अभियोजन द्वारा पेश किए गए पुख्ता सबूतों और पीड़ित की शिनाख्त को निर्णायक मानते हुए सजा को बरकरार रखा।