
Fee Collection For Private Schools: मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने फीस संबंधी नियमों को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
अब वे निजी स्कूल जिनकी किसी भी कक्षा में वार्षिक फीस 25,000 रुपये या उससे कम है, उन्हें फीस संबंधी जानकारी विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य नहीं होगा। यह निर्णय हजारों छोटे निजी स्कूलों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिन्हें तकनीकी दिक्कतों और दस्तावेजों के बोझ से जूझना पड़ता था।
Fee Collection For Private Schools/प्रदेश में कुल 34,652 निजी स्कूलों में से लगभग 16,000 स्कूल ऐसे हैं, जो इस संशोधित नियम के तहत पोर्टल पर फीस अपलोड करने की बाध्यता से मुक्त हो जाएंगे।
जबकि वे स्कूल जो 25,000 रुपये से अधिक वार्षिक फीस वसूलते हैं, उन्हें अभी भी 2025-26 सत्र की फीस संरचना पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी होगा। पहले इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च तय की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है, जिससे संस्थानों को पर्याप्त समय मिल सके।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि कई स्कूलों ने तकनीकी समस्याएं बताई थीं, जिसकी वजह से उन्हें जानकारी अपलोड करने में परेशानी हो रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने समयसीमा को बढ़ाया है ताकि सभी स्कूल आराम से प्रक्रिया पूरी कर सकें।
इसके साथ ही विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी स्कूल सालाना फीस में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि बिना अनुमति कर सकता है।
यदि किसी संस्थान को इससे अधिक फीस बढ़ानी है, तो उसे जिला स्तर की फीस नियमन समिति से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान माता-पिता को अतिरिक्त वित्तीय बोझ से बचाने के लिए रखा गया है।
फीस संबंधी मामलों पर निगरानी के लिए जिला और राज्य स्तर पर समितियों का गठन पहले ही किया जा चुका है। इसके अलावा, 31 जनवरी 2025 से प्रभावी हुए ‘मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम-2020’ के तहत ही यह व्यवस्था लागू की गई है।