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किसानों ने बांध बनाया, नेताओं ने पैसा बहाया — बलरामपुर में भ्रष्टाचार का बांध टूटा

बलरामपुर (पृथ्वी लाल केशरी)..जनपद पंचायत बलरामपुर के ग्राम चित विश्रामपुर में पहाड़ी नाला के पास स्थित फूल झेरवा बांध में सरकारी भ्रष्टाचार का घिनौना चेहरा एक बार फिर सामने आया है।

 करीब दो से तीन माह पहले वर्षा के कारण यह बांध क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे आसपास के किसानों की फसलें बर्बाद होने लगीं। किसानों ने समय पर मरम्मत के लिए सरपंच और सचिव से गुहार लगाई, लेकिन दोनों ने “सरकारी स्वीकृति न होने” का हवाला देकर मना कर दिया।

किसानों ने खुद जोड़ा धन, खुद बनाया बांध

जनप्रतिनिधियों की बेरुखी देख ग्रामीणों ने आपसी सहमति से 50 हजार रुपए इकट्ठा किए और अपने श्रम व धन से बांध की मरम्मत कर दी। लेकिन यहीं से शुरू हुई असली भ्रष्टाचार की पटकथा — ग्राम के लालची सरपंच और सचिव ने किसानों द्वारा किए गए कार्य की तस्वीरें खींच लीं और बिना पंचायत प्रस्ताव के आरईएस विभाग के एक इंजीनियर की मिलीभगत से 2 लाख 50 हजार रुपए का आहरण कर लिया।

गांव में भड़का आक्रोश, लौटाया गया कुछ पैसा

जब यह बात किसानों को पता चली, तो पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामसभा की बैठक बुलाई गई और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि किसानों के 50 हजार रुपए लौटाए जाएं। जनता के दबाव और खुलासे के बाद कुछ राशि जल्दबाजी में लौटाकर मामला दबाने की कोशिश की गई, लेकिन गांव में असंतोष कायम है।

एसडीएम से शिकायत, प्रशासन की परीक्षा शुरू

पीड़ित किसानों ने पूरे प्रकरण की शिकायत एसडीएम बलरामपुर से की है। अब सबकी निगाहें प्रशासन पर हैं कि क्या वह सचमुच इस भ्रष्ट तंत्र पर कार्रवाई करता है या फिर फाइलों में यह मामला भी दफन हो जाएगा।

प्रशासनिक ढांचे पर सवाल

बलरामपुर जिले में यह घटना कोई नई नहीं है।
लगातार बिगड़ती प्रशासनिक व्यवस्था और निष्क्रिय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से यह स्पष्ट है कि यहां भ्रष्टाचार बिना भय और जवाबदेही के फल-फूल रहा है।

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