ED का बड़ा एक्शन: भोपाल में मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का खुलासा, सीईओ शोभित त्रिपाठी पर शिकंजा
यह अभियान जनपद पंचायत सिरोंज के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शोभित त्रिपाठी और अन्य संदिग्धों के खिलाफ केंद्रित था। इस कार्रवाई के दौरान, ईडी ने संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, कई डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। इसके साथ ही, शोभित त्रिपाठी और उनके सहयोगियों के 21.7 लाख रुपए के बैंक खाते और म्यूचुअल फंड को भी फ्रीज कर दिया गया है।

भोपाल: प्रवर्तन निदेशालय (ed) ने मध्य प्रदेश में एक बड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले का खुलासा करते हुए भोपाल में एक बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने 3 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के भोपाल, विदिशा, कटनी और छतरपुर जिलों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत सात स्थानों पर सघन तलाशी अभियान चलाया।
यह अभियान जनपद पंचायत सिरोंज के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शोभित त्रिपाठी और अन्य संदिग्धों के खिलाफ केंद्रित था। इस कार्रवाई के दौरान, ईडी ने संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, कई डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। इसके साथ ही, शोभित त्रिपाठी और उनके सहयोगियों के 21.7 लाख रुपए के बैंक खाते और म्यूचुअल फंड को भी फ्रीज कर दिया गया है।
ईडी ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भोपाल द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी। इस प्राथमिकी में शोभित त्रिपाठी और अन्य पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
ईडी की गहन जांच में सामने आया कि त्रिपाठी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए डेटा एंट्री ऑपरेटरों योगेंद्र शर्मा और हेमंत साहू के साथ मिलकर मध्य प्रदेश सरकार की विवाह सहायता योजना में एक बड़ी गड़बड़ी की। 2019 से नवंबर 2021 तक, उन्होंने 5923 संदिग्ध विवाहों के नाम पर लगभग 30.18 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
जांच में यह भी पता चला कि त्रिपाठी ने जाली दस्तावेज तैयार किए और सरकारी पोर्टल पर फर्जी जानकारी अपलोड की। इसके जरिए निर्माण श्रमिकों के लिए आवंटित धनराशि को अपात्र व्यक्तियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। धोखाधड़ी से प्राप्त इस धन को बाद में एटीएम के माध्यम से कई किश्तों में निकाला गया और फिर त्रिपाठी, उनके परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित अन्य व्यक्तियों के खातों में जमा किया गया।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि अपराध से प्राप्त इस बड़ी आय को वैध दिखाने के लिए शोभित त्रिपाठी ने अपने रिश्तेदारों और उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया।
इस धनराशि का उपयोग विभिन्न भुगतानों, शेयर बाजार में निवेश, म्यूचुअल फंड और अचल संपत्तियों की खरीद में किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अपनी जांच तेज कर दी है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार और धन शोधन के खिलाफ सख्त रुख का संकेत देती है।