BilaspurChhattisgarh
शराब प्रेमियों को दुलारा..किसानों को दुत्कारा…जिला कांग्रेस अध्यक्षों ने कहा..सरकार ने पेश किया किसान और विकास विरोधी बजट
भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ को कोई राशि नहीं


ओपी चौधरी ने प्रदेश साय सरकार का दूसरा बजट पेश किया। बजट सामने आने के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने गहरी चिंता जाहिर किय है। हमेशा की तरह विपक्ष ने बजट को प्रदेश की जनता के अनहेल्दी बताया। विजय केशरवानी ने कहा कि आखिर बजट में नया क्या है जिसके बारे में प्रतिक्रिया दूं। इस बार भी किसानों को जमकर निशाना बनाया गया है। युवाओं के लिए बेरोजगारी का रास्ता तैयार किया गया है। प्रदेश विकास के लिए जो भी ताना बाना बजट में बुना गया है उसे हम सिर्फ ख्याली पुलाव कहते हैं। महंगाई पर लगाम के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। भूपेस सरकार की जनहित योजनाओं को राजनीति के चश्में देखा जा रहा है। अच्छा होता कि दलगत राजनीति से ऊपर होकर पिछली सरकार की जनहित योजनाओं को राशि देकर जनता को राहत देते।
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लघु उद्योग, कुटीर उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है । यह जानते हुए भी कि हमारी अर्थव्यवस्था की रीड़ है। बावजूद इसके किसानजन्य उद्योग के लिए बजट में कोई प्रावधान नही किया गया है। यह बहुत ही दुखद है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का बजट लोक लुभावना है। गरीब जनता ,किसान, मजदूरों ,महिलाओ ,के लिए कुछ नही है। बजट में महंगाई के खिलाफ जिक्र नहीं किया गया है। भ्रष्टाचार रोकथाम,बढ़ते अपराध पर नियंत्रण के लिए कोई योजना नही है। बिलासपुर का अरपा प्रोजेक्ट बन्द है। राशि का प्रवाधान किया गया है। क्योंकि योजना लाखों लोगों के हित से जुड़ा है। साथ ही भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ में से एक है। इसलिए बिलासपुर की जनता के साथ छल किया गया है।
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विजय पाण्डेय ने कहा कि विदेशी शराब में 9.5% टैक्स में छूट समझ से परे है। स्वदेशी की रट लगाने वालों को अब विदेशी मदिरा से प्रेम जागना समझ से परे है। मतलब साफ है कि युवाओं को अब नशे की तरफ धकेलने की पूरी तैयारी हो गयी है। शराब की खिलाफत करने वालों को जवाब देना होगा। कृषि लागत मूल्य को लेकर कोई चर्चा नही है। यूरिया ,डीएपी, कृषि यंत्रों की कीमतों वृद्धि कर भाजपा सरकार ने किसान विरोधी बजट पेश किया है।
केंद्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य पर वृद्धि की..लेकिन राज्य सरकार के बजट मे वृद्धि नहीं करना दुखद है। इससे जाहिर होता है कि राज्य सरकार किसान विरोधी है। आत्मानन्द स्कूल पर बजट में कोई योजना नही है।,ऐसा लगता है कि सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के पक्ष में नही है। बजट निराशाजनक और विकास विरोधी है।