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जिला पंचायतः कांग्रेस ने खोला पत्ता…सतकली अध्यक्ष,स्मृति लड़ेंगी उपाध्यक्ष चुनाव…भाजपा का वेट एण्ड वॉच पालिसी
निष्कासित कांग्रेस नेता की पत्नी स्मृति पर कांग्रेस ने लगाया दांव

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- बिलासपुर— जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत सभाभवन स्थित राजीव गांधी सभागार में किया जाएगा। जिला पंचायत में सात सदस्यों के सहारे बहरहाल कांग्रेस पार्टी ने अपना पत्ता खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी ने मस्तूरी से क्षेत्र क्रमांक 13 से जीत हासिल करने वाली सतकली वावरे को अध्यक्ष और कोनी क्षेत्र से जीतकर आयी स्मृति श्रीवास को उपाध्यक्ष पद के लिए घोषित कर दिया है। लेकिन भाजपा ने अपना पत्ता अब तक नहीं खोला है। ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष मोहित जायसवाल ने बताया कि चुनाव के दिन यानी 8 मार्च को ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष प्रत्याशियों के नाम का एलान किया जाएगा।
त्रिलोक के दम पर कांग्रेस का दावा
आठ मार्च को जिला पंचायत अध्यक्ष,उपाध्यक्ष पद का चुनाव होगा। दोनो दलों यानी भाजपा और कांग्रेस ने दोनों ही पदों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यद्यपि सदन में कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित सदस्यों की संख्या 6 है। लेकिन गोंडवाना और स्मृति श्रीवास्त को मिलाकर सदस्य संख्या बढ़कर आठ हो गयी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने बहुत के लिए 9 वें सदस्य की व्यवस्था की जिम्मेदारी त्रिलोक श्रीवास को दिया है। कांग्रेस को विश्वास है कि जिला पंचायत में दोनो ही पदों पर विश्वास मत हासिल कर लेंगे।
भाजपा ने नहीं खोला पत्ता
दूसरी तरफ भाजपा ने अभी तक पत्ता नहीं खोला है। अन्दर खाने की बातों पर विश्वास करें तो नाम फायनल हो गया है। कयास लगाया जा रहा है कि राजेश सूर्यवंशी भाजपा की तरफ से अध्यक्ष पद का चेहरा हो सकते हैं। मामले में ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष मोहित जायसवाल ने बताया कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चेहरा का एलान पार्टी के बड़े नेता करेंगे। बैठक हो गयी है..और होने वाली भी है। ठीक समय पर दोनों पदों के लिए चेहरों का एलान कर दिया जाएगा।
जीत के बाद पार्टी प्रवेश
इधर कांग्रेस के अन्दर खाने की माने तो अभी तक पार्टी से निष्कासित कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास को पार्टी में प्रवेश नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि बहुमत हासिल करने के बाद भी त्रिलोक श्रीवास को पार्टी प्रवेश कराया जाएगा। मतलब शर्तों के साथ त्रिलोक श्रीवास की इन्ट्री होगी।
कांग्रेस प्रत्याशी के साथ बहू की हार
जानकारी देते चलें कि निगम चुनाव के दौरान त्रिलोक श्रीवास ने कोनी स्थित वार्ड से अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ अपनी भाई बहू योगिता श्रीवास को मैदान में उतारा था। त्रिलोक श्रीवास ने खुलकर अपनी बहू के समर्थन में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार प्रसार किया। मामले की लिखित शिकायत कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी ने जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष से की। प्रीति मनीष गढ़ेवाल की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए छानबीन के दौरान विजय केशरवानी ने त्रिलोक श्रीवास को पार्टी सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
बताते चलें कि निगम चुनाव में कांग्रेस की पार्षद प्रत्याशी की हार हुई। साथ ही त्रिलोक श्रीवास भी अपनी भाई बहू योगिता की चुनाव को टाल नहीं सके। भाजपा प्रत्याशी अमित मिश्रा ने जीत हासिल किया।
प्रवेश के लिए सरकार का सौदा
बताते चलें कि जिला पंचायत चुनाव में त्रिलोक श्रीवास ने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ अपनी पत्नी योगिता श्रीवास को मैदान में उतारा। योगिता ने जीत हासिल किया। अन्दर खाने की माने तो त्रिलोक श्रीवास ने संगठन के आला नेताओं से वादा किया है किया कि यदि उन्हें पार्टी प्रवेश दिया जाता है तो कांग्रेस से आठवां सदस्य स्मृति होंगी। इसके अलावा 9 वें सदस्य की व्यवस्था भी करेंगे। सरकार बनाने के सौदा पर कांग्रेस ने त्रिलोक श्रीवास पर चांस लेते हुए 9 वें सदस्य की व्यवस्था करने को कहा है। फिलहाल दांव सही लगा है या खाली गया है इसका फैसला 8 मार्च को सामने आ जाएगा।