
रायपुर. राजधानी में एक चौंकाने वाली साइबर ठगी का मामला सामने आया है। आर्थिक और सांख्यिकी विभाग की डिप्टी डायरेक्टर माया तिवारी से करीब 90 लाख की ठगी कर ली गई। यह ठगी फेसबुक पर चल रहे एक फर्जी निवेश विज्ञापन के जरिए की गई, जिसमें सरकारी समर्थन से 6 महीने में डबल मुनाफा मिलने का झांसा दिया गया था।
फेसबुक विज्ञापन से शुरू हुई ठगी
मामला मार्च 2025 में शुरू हुआ, जब माया तिवारी ने फेसबुक पर एक आकर्षक वीडियो विज्ञापन देखा। इसमें दावा किया गया था कि एक कंपनी में निवेश करने पर सरकारी योजना के तहत 6 महीने में राशि दोगुनी हो जाएगी। वीडियो और पेश किए गए तथ्यों ने माया तिवारी को विश्वास दिला दिया।
उन्होंने लिंक पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन किया, जिसके बाद उन्हें एक महिला कॉलर का फोन आया। इस महिला ने खुद को शेयर ट्रेडिंग एक्सपर्ट बताते हुए, माया तिवारी को निवेश के लिए प्रेरित किया। लगातार 20 से अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शनों के जरिए माया तिवारी ने ₹89 लाख से अधिक की राशि जमा कर दी।
साइबर सेल ने 20 लाख होल्ड कराए
जब लंबे समय तक कोई रिटर्न नहीं मिला और निवेश की राशि वापस नहीं की गई, तो माया तिवारी को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। उन्होंने राखी थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस और साइबर सेल ने जांच शुरू की।
प्राथमिक जांच के बाद पुलिस को कुछ खातों की जानकारी मिली, जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। त्वरित कार्रवाई करते हुए साइबर सेल ने उन खातों में से करीब ₹20 लाख की राशि होल्ड कराने में सफलता हासिल की है।
फर्जी विज्ञापनों पर फिर उठे सवाल
फर्जी और भ्रामक निवेश विज्ञापनों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। जब एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी तक इस जाल में फंस सकती हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा और जागरूकता को लेकर और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला काफी तकनीकी और अंतरराज्यीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, इसलिए डिजिटल फॉरेंसिक और बैंकिंग विश्लेषण की मदद से जांच जारी है।