कांग्रेस में सृजन या संघर्ष? —पर्यवेक्षक टीम करेगी सियासी थर्मामीटर जांच”.. अध्यक्ष बनने से पहले देना होगा कठिन सवालों का जवाब

बिलासपुर…कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान के तहत शहर और ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक और मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार 10 अक्टूबर को चार दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंच रहे हैं। उनके साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव, पूर्व मंत्री धनेश पाटिला और नरेश ठाकुर भी पर्यवेक्षक के रूप में रहेंगे। यह टीम जिले की सभी छह विधानसभा क्षेत्रों — तखतपुर, कोटा, मस्तूरी, बिल्हा, बिलासपुर और बेलतरा — का दौरा कर कार्यकर्ताओं और नेताओं से रायशुमारी करेगी।
चार दिवसीय दौरे में कार्यकर्ताओं से सीधी मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, उमंग सिंघार 10 अक्टूबर से तखतपुर विधानसभा से अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके बाद कोटा में कांग्रेस ब्लॉक नेताओं और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की जाएगी। 11 अक्टूबर को वे मस्तूरी और बिल्हा विधानसभा में बैठकों को संबोधित करेंगे, जबकि 12 अक्टूबर को बिलासपुर शहरी और बेलतरा विधानसभा में कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। इस दौरान पर्यवेक्षक टीम न केवल दावेदारों से मुलाकात करेगी बल्कि समाजसेवियों और पत्रकारों से भी बातचीत कर जमीन की नब्ज टटोलने की कोशिश करेगी।
संगठन सृजन अभियान: नियम सख्त, मंशा स्पष्ट
कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर चल रहे इस अभियान के तहत जिला और शहर अध्यक्षों के चयन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। हर दावेदार को तीन पन्नों का आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें उनसे कई सख्त सवाल पूछे गए हैं — जैसे कि क्या उनके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज है, क्या वे कभी पार्टी से निष्कासित हुए हैं, या किसी अन्य राजनीतिक दल के सदस्य रहे हैं। साथ ही यह भी पूछा गया है कि उन्होंने कितनी बार प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लिया है, कौन से सामाजिक कार्य किए हैं और क्या उन्होंने कभी कोई चुनाव लड़ा है।
यह सवाल न केवल संगठन की सख्ती को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि पार्टी अब ‘अनुभव और ईमानदारी’ दोनों का संतुलन तलाशना चाहती है।
ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में बढ़ा रोमांच
ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए इस बार दावेदारों की लिस्ट लंबी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अब तक 25 से 26 नाम सामने आ चुके हैं। इनमें तखतपुर विधानसभा से आशीष सिंह, जितेंद्र पांडे और आत्मजीत मककड प्रमुख नाम हैं। कोटा विधानसभा से आदित्य दीक्षित, संदीप शुक्ला और नीरज जायसवाल अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। बिल्हा से लक्ष्मीनाथ साहू, राजेंद्र शुक्ला और जगदीश कौशिक, वहीं मस्तूरी से राजेंद्र धीवर, महेंद्र गंगोत्री, मनोहर कुर्रे और प्रेमचंद जायसी सक्रिय हैं।
बेलतरा विधानसभा से त्रिलोक श्रीवास और राजेंद्र साहू प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं।, जबकि चर्चा में एक और नाम तेजी से उभर रहा है — पूर्व मेयर रामशरण यदव। इसके अलावा जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक भी ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में है।
शहर अध्यक्ष पद की रेस में बड़े नाम
शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। संभावित दावेदारों में पूर्व विधायक शैलेश पांडे, महेश दुबे, सिधांशु मिश्रा, शिवा मिश्रा, शैलेंद्र जायसवाल, विनोद साहू , रविंद्र सिंह, अमृतांशु शुक्ला जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी दावेदारों के बीच रायशुमारी के दौरान पार्टी पर्यवेक्षक को यह देखना होगा कि कौन संगठन के प्रति अधिक सक्रिय, जमीन से जुड़ा और सर्वमान्य चेहरा है।
संगठन के लिए परीक्षा की घड़ी
कांग्रेस का यह संगठन सृजन अभियान न केवल पदों की भरती की प्रक्रिया है, बल्कि यह पार्टी के लिए विश्वास और नई ऊर्जा का पुनर्निर्माण भी माना जा रहा है। स्थानीय कार्यकर्ताओं में उत्साह तो है, लेकिन साथ ही एक प्रतिस्पर्धात्मक बेचैनी भी साफ दिखाई दे रही है। खासकर तब, जब फॉर्म के सवालों ने कई पुराने नेताओं की नींद उड़ा दी है — क्योंकि दावेदारों में लगभग आधे ऐसे हैं जिन पर किसी न किसी थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
यह चुनाव अब केवल पद पाने की जंग नहीं, बल्कि कांग्रेस की साख और भविष्य की दिशा तय करने वाली कवायद बन गई है।