सीएम योगी का वाल्मीकि समाज को बड़ा तोहफा: सुरक्षा, सम्मान और सीधे खाते में पैसा, विपक्ष पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि समाज के लिए एक "बड़ा कार्य" करने का ऐलान करते हुए कहा कि अब सफाई और संविदा कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग कंपनियों के बजाय सीधे सरकार का कॉरपोरेशन उनके बैंक खातों में पैसा भेजेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो बिचौलियों को खत्म कर पारदर्शिता लाएगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाल्मीकि समाज के लोगों को सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक मजबूती का भरोसा देते हुए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि “आपकी सुरक्षा समाज की सुरक्षा है, आपका सम्मान भगवान वाल्मीकि की विरासत का सम्मान है।” सीएम योगी मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों को भगवान वाल्मीकि की जयंती की बधाई दी और एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि समाज के लिए एक “बड़ा कार्य” करने का ऐलान करते हुए कहा कि अब सफाई और संविदा कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग कंपनियों के बजाय सीधे सरकार का कॉरपोरेशन उनके बैंक खातों में पैसा भेजेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो बिचौलियों को खत्म कर पारदर्शिता लाएगा।
इसके साथ ही, स्वच्छता कर्मियों को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर भी दिया जाएगा। सीएम योगी ने आगे कहा कि जब पैसा सीधे कॉरपोरेशन से आएगा तो यह व्यवस्था भी की जाएगी कि दुर्भाग्यवश किसी सफाई कर्मचारी के साथ घटना-दुर्घटना होने या आपदा की चपेट में आने पर बैंक से बात कर 35 से 40 लाख रुपए देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि यूपी के 80 हजार होमगार्ड को यह कवर पहले ही दिया जा चुका है और अब सफाई कर्मचारियों को इससे जोड़ा जा रहा है।
अपने संबोधन में सीएम योगी ने महर्षि वाल्मीकि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे भारत के महापुरुषों की परंपरा के भाग्य विधाता हैं। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने हजारों वर्ष पहले देवर्षि नारद से प्रश्न किया था कि चरित्र से युक्त कौन ऐसा व्यक्ति है, जिसके बारे में मैं कुछ लिख सकूं, क्योंकि वे जानते थे कि चरित्र से युक्त व्यक्ति ही लोककल्याण व राष्ट्र कल्याण का माध्यम बन सकता है।
वाल्मीकि रामायण लिखते समय उन्होंने पूरी कथा को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम पर आधारित किया, क्योंकि राम ही साक्षात धर्म हैं। सीएम योगी ने भारतीय समाज से अपील की कि महर्षि वाल्मीकि का चित्र हर भारतीय के घर में होना चाहिए, और कहा कि भारत का हर कथावाचक सबसे पहली वंदना भगवान वाल्मीकि की ही करता है।
मुख्यमंत्री ने वोटबैंक की राजनीति के लिए जाति का सहारा लेने वालों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग श्रीराम पर सवाल उठाते हैं, वे भगवान वाल्मीकि का अपमान करते हैं। उन्होंने 2012 में सपा सरकार के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि तब सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के स्मारक को तोड़ने की धमकी दी गई थी, जिसका भाजपा ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने सपा पर दोहरा चेहरा अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि तब सपा ने कन्नौज मेडिकल कॉलेज और लखनऊ के भाषा विश्वविद्यालय से बाबा साहेब और कांशीराम का नाम बदल दिया था, जिसे भाजपा सरकार ने फिर से स्थापित किया।
सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर राम और कृष्ण का विरोध करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्षी कहते थे कि राम-कृष्ण हुए ही नहीं, यानी इन्होंने महर्षि वाल्मीकि के प्रकट उत्सव पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया। उन्होंने सपा पर अयोध्या में एयरपोर्ट निर्माण का विरोध करने और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसका नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखे जाने का भी विरोध करने का आरोप लगाया। सीएम ने दावा किया कि सपा के समय में सफाई कर्मियों का शोषण होता था और उन्हें चार हजार रुपए भी नहीं मिल पाते थे। उन्होंने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने मैला सिर पर ढोने की कुप्रथा को समाप्त करने पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप हर घर में शौचालय बने और सफाई कर्मचारियों, विशेष रूप से वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता देते हुए अच्छे मानदेय की व्यवस्था हुई। यह घोषणाएं वाल्मीकि समाज के लिए एक नई उम्मीद जगाती हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी इनके दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं।