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Chaitra Navratri 2025: जानें चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के शुभ मुहूर्त और इसका आध्यात्मिक महत्व

Chaitra Navratri 2025/चैत्र नवरात्रि 2025 का समापन देवी दुर्गा की आराधना के साथ धूमधाम से होने जा रहा है। नौ दिनों तक माता रानी की उपासना और व्रत करने के बाद कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। यह अनुष्ठान भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक होता है और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम माध्यम माना जाता है।

Chaitra Navratri/इस बार नवरात्रि का आरंभ 30 अप्रैल को हुआ था और समापन नवमी तिथि यानी 6 अप्रैल 2025 को होगा।

कन्या पूजन देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीकात्मक पूजन होता है, जिसमें नौ छोटी कन्याओं को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा देकर सम्मानित किया जाता है। यह पूजा अष्टमी और नवमी दोनों तिथियों पर की जा सकती है। अष्टमी तिथि का पूजन 5 अप्रैल को किया जाएगा, वहीं नवमी पूजन 6 अप्रैल को होगा।

अष्टमी पर कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:40 से 9:15 बजे तक रहेगा, जबकि नवमी पर शुभ समय सुबह 7:40 से 9:14 बजे तक होगा।

Chaitra Navratri 2025/इसके अलावा 6 अप्रैल को ही एक और विशेष मुहूर्त सुबह 10:49 से दोपहर 12:23 बजे तक रहेगा, जब अमृत चौघड़िया का योग बन रहा है। इस समय कन्या पूजन करना अत्यंत फलदायक माना गया है।

कन्या पूजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह नारी शक्ति का सम्मान है और समाज में बालिकाओं के योगदान को मान्यता देने का एक अद्भुत माध्यम भी। देवी दुर्गा के भक्तों के लिए यह दिन विशेष रूप से लाभकारी होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि कन्याओं का पूजन सच्चे मन से किया जाए, तो देवी मां की अनुकंपा कई गुना बढ़कर मिलती है।

अगर इस दिन कन्या पूजन के साथ जरूरतमंदों को भोजन भी कराया जाए, तो पुण्यफल कई गुना अधिक हो जाता है।

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