Chhattisgarh

CG News: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर बड़ा कदम: लोक शिक्षण संचालनालय ने दिए पारदर्शिता और सख्ती के निर्देश

सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संभागीय संयुक्त संचालकों को इस प्रक्रिया की व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। इस आदेश की प्रति राज्य के सभी कलेक्टरों को भी भेजी गई है ताकि प्रशासनिक स्तर पर पूरी निगरानी रखी जा सके।

CG News ।छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित इंद्रावती भवन से लोक शिक्षण संचालनालय ने एक अहम आदेश जारी कर राज्य में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के जरिए राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संभागीय संयुक्त संचालकों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सोशल मीडिया पर अतिशेष शिक्षकों की संख्या को लेकर उठ रहे सवालों को गंभीरता से लेते हुए संचालनालय ने पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

आदेश के अनुसार, विकासखंड स्तरीय समितियों से प्राप्त प्रस्तावों की सूक्ष्म जांच की जाएगी। हाल ही में निलंबन से बहाल हुए शिक्षकों की जानकारी तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके साथ ही उनकी बहाली के कारणों का स्पष्ट उल्लेख अनिवार्य किया गया है। प्राथमिक विद्यालयों में 65 और माध्यमिक विद्यालयों में 110 से अधिक छात्र होने की स्थिति में शिक्षक की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए “अशेशेष” की वास्तविक स्थिति को चिह्नित करने का आदेश दिया गया है।

31 मार्च तक की छात्र संख्या और कार्यरत शिक्षकों की सटीक सूची तैयार करने, संलग्न शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय में गणना में शामिल करने, आश्रम शालाओं के अधीक्षकों की गणना भी मूल विद्यालय में करने तथा रिक्त पदों की सही जानकारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

विशेष रूप से एकल शिक्षकीय विद्यालयों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कहीं कोई शिक्षक अनावश्यक रूप से तैनात तो नहीं है।

संचालक ने दो टूक कहा है कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संभागीय संयुक्त संचालकों को इस प्रक्रिया की व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। इस आदेश की प्रति राज्य के सभी कलेक्टरों को भी भेजी गई है ताकि प्रशासनिक स्तर पर पूरी निगरानी रखी जा सके।

इस सख्त आदेश से साफ है कि राज्य सरकार अब शिक्षकों की तैनाती और स्थानांतरण में पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। साथ ही यह कदम यह भी सुनिश्चित करेगा कि छात्र संख्या के अनुसार विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।

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