CG NEWS:डीजे पर पाबंदी सिर्फ रायपुर-बिलासपुर तक ..?

CG NEWS:सरगुजा ।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राजधानी रायपुर और बिलासपुर में डीजे पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। पुलिस ने यहां इतनी सख़्ती दिखाई कि सड़कों पर अब सिर्फ़ पारंपरिक बैंड-बाजा, ढोल-ताशे और चोंगा दल वाले वाहन नज़र आते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या न्यायालय के आदेश सिर्फ़ राजधानी और न्यायधनी क्षेत्रों के लिए ही बने हैं..?
सरगुजा संभाग की तस्वीर बिल्कुल उलट है। अंबिकापुर, सूरजपुर और आसपास के इलाक़ों में त्योहारों पर आज भी डीजे धड़ल्ले से बज रहे हैं। कानफाड़ू आवाज़ से गूंजती सड़कें प्रशासन की ढिलाई का सबूत देती हैं। जबकि प्रदेश सरकार ने डीजे लगे वाहनों पर रोक लगाने के लिए बाकायदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
यहां सवाल सिर्फ़ सांस्कृतिक भिन्नता का नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी है। रायपुर और बिलासपुर में जहां आदेश पर अमल किया गया, वहीं जल-जंगल-ज़मीन के गढ़ सरगुजा में वही आदेश कागज़ों तक सीमित रह गया। राजधानी में जहां डीजे वालों की मशीनें जब्त की जा रही हैं, वहीं सरगुजा में पुलिस चौक-चौराहे से गुजरते हुए भी डीजे को नज़र अंदाज़ कर रही है।
हकीकत यह है कि उच्च न्यायालय का आदेश पूरे प्रदेश के लिए है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका टुकड़ों में बंटा हुआ है। रायपुर-बिलासपुर में डीजे पर रोक का सख़्ती से पालन और सरगुजा में खुलेआम उल्लंघन… यह स्थिति न सिर्फ़ प्रशासनिक निष्क्रियता को उजागर करती है बल्कि कानून सबके लिए बराबर है वाली धारणा पर भी सीधा सवाल खड़ा करती है।
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या छत्तीसगढ़ में कानून सिर्फ़ राजधानी और न्यायधनी क्षेत्रों तक सीमित रह गया है? सरगुजा में डीजे की धूम के पीछे प्रशासन की चुप्पी आखिर क्यों है? क्या यह स्थानीय राजनीति और दबाव का नतीजा है, या फिर सिस्टम की नाकामी.?