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CG NEWS:युक्तियुक्तकरण पर रोक और संकुल व्यवस्था को पुनर्जनन की मांग

CG NEWS:रायपुर।गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (GEWA) ने छत्तीसगढ़ सरकार से युक्तियुक्तकरण नीति पर तत्काल रोक लगाने और शिक्षक संवर्ग के 50,000 से अधिक रिक्त पदों पर नई भर्ती शुरू करने की मांग की है। संगठन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग की नीति में व्याप्त विसंगतियों को रेखांकित किया है।

प्रेस नोट में बताया गया कि युक्तियुक्तकरण को शिक्षा के अधिकार (RTE) और 2008 के सेटअप के खिलाफ है, जिसमें हर एक किलोमीटर पर प्राथमिक और तीन किलोमीटर पर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना का प्रावधान है। वर्तमान में समग्र शिक्षा के तहत प्राथमिक से हायर सेकेंडरी तक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो नियमों के अनुरूप है। इसके बावजूद, सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता की पदोन्नति के कारण 50,000 से अधिक पद रिक्त हैं। GEWA का कहना है कि ऐसी स्थिति में युक्तियुक्तकरण के बजाय नई भर्ती पर ध्यान देना चाहिए।

संगठन की ओर से यह भी कहा गया कि एक ही परिसर में प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और हायर सेकेंडरी स्कूलों को मर्ज करने की नीति पर सवाल उठाए हैं। वर्तमान में प्रशासनिक, वित्तीय और अनुशासनात्मक अधिकार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बी.ई.ओ.) के पास हैं। GEWA ने मांग की है कि मर्ज से पहले ये सभी अधिकार प्राचार्य को सौंपे जाएं। साथ ही, पुरानी संकुल व्यवस्था को पुनर्जनन कर प्राचार्य को सशक्त किया जाए। संगठन ने यह भी मांग की है कि सरकार युक्तियुक्तकरण के बाद सलंग्नीकरण, नई भर्ती या पदोन्नति से नई पदस्थापना न करने की कानूनी गारंटी दे।

GEWA ने शिक्षा विभाग की नीति पर भेदभाव का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि अनुसूचित और गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में प्रावधानों में असमानता है। इसके अलावा, GAD नियमों के तहत मान्यता प्राप्त संगठन के पदाधिकारियों को छूट देने के बजाय उन्हें इस नीति में शामिल किया गया है।

गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग सहित संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष भोलाराम मरकाम, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष संगीता पाटले, महामंत्री बसंत बंजारे, सनत बंजारे ने युक्तियुक्तकरण की विसंगतियों को दूर करने, रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती शुरू करने और संकुल प्राचार्य को पूर्ण अधिकार देकर पुरानी व्यवस्था को पुनर्जनन करने की अपील की है। GEWA ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो संगठन आगे की रणनीति पर विचार करेगा ।

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