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Bank deposit insurance limit-अब बैंक डूबने पर 5 लाख से ज्यादा मिलेगा पैसा? सरकार कर रही बड़ी तैयारी!

Bank deposit insurance limit-हाल ही में महाराष्ट्र के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI ने सख्त कार्रवाई करते हुए बैन लगा दिया, जिसके बाद बैंक के बाहर लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं की भीड़ देखी गई। हजारों खाताधारकों को इस बात की चिंता सताने लगी कि क्या उनका जमा पैसा सुरक्षित है या नहीं।

 फिलहाल बैंक डूबने की स्थिति में खाताधारकों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की ही गारंटी मिलती है, लेकिन सरकार इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है। यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहकों को 5 लाख से अधिक रकम मिल सकती है

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने हाल ही में बताया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को मौजूदा 5 लाख रुपये से अधिक करने पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। PMC बैंक घोटाले के बाद 2020 में डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया था। अब सरकार इसे और बढ़ाने की योजना बना रही है ताकि खाताधारकों को अधिक सुरक्षा मिल सके।

जब कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) खाताधारकों को बीमित राशि का भुगतान करता है।

DICGC बैंकों से प्रीमियम वसूलकर यह गारंटी प्रदान करता है। अब तक इस बीमा का सबसे अधिक लाभ सहकारी बैंकों के खाताधारकों को मिला है, क्योंकि अधिकतर संकटग्रस्त बैंक इसी श्रेणी में आते हैं।

RBI द्वारा बैन लगाए जाने के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 1.3 लाख खाताधारकों में से 90% की जमा राशि DICGC बीमा के अंतर्गत सुरक्षित बताई जा रही है। हालांकि, बैंक के खातों की भौतिक जांच के दौरान 122 करोड़ रुपये की नकदी का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। जांच में यह भी सामने आया कि बैंक के महाप्रबंधक (वित्त) हितेश मेहता ने कथित तौर पर गबन की गई रकम का एक बड़ा हिस्सा एक स्थानीय बिल्डर को दे दिया

सरकार का यह प्रस्ताव बैंक ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर हो सकता है। यदि डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा बढ़ाई जाती है, तो बैंक में जमा रकम पर सुरक्षा और बढ़ जाएगी

हालांकि, वित्त मंत्रालय और RBI इस पर अंतिम फैसला लेंगे, और सरकार की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। इससे ग्राहकों को बैंकिंग फ्रॉड और घोटालों के खिलाफ अधिक सुरक्षा मिलेगी और उनका मेहनत का पैसा डूबने की आशंका कम हो जाएगी।

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