17 मौत के बाद सिस्टम की टूटी नींद…फंगस वाले पानी से बन रहा था सिरप..अलर्ट मोड पर सरकार

इंदौर/छिंदवाड़ा…मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही अब जानलेवा त्रासदी में बदल गई है। छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का आंकड़ा 17 तक पहुंच चुका है। तीन मौतों से शुरू हुआ यह मामला अब पूरे प्रदेश को झकझोर चुका है। बच्चों की लगातार हो रही मौतों ने न केवल प्रशासनिक अमले को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है बल्कि प्रदेश सरकार को भी हाई अलर्ट मोड पर ला दिया है।
जहरीली दवाओं का काला सच — चौंकाने वाला खुलासा
ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की टीम ने इंदौर में जांच के दौरान डॉक्टर प्रवीण सोनी की पत्नी ज्योति सोनी के मेडिकल स्टोर से तमिलनाडु की कंपनी श्री सन फार्मास्यूटिकल की बैन सिरप कोल्डरिफ बरामद की। यही नहीं, इंदौर की एआरसी फार्मास्यूटिकल कंपनी का भी सिरप संदेह के घेरे में आ गया।
जब DCGI की टीम ने सांवेर रोड स्थित एआरसी कंपनी के प्लांट की जांच की, तो हैरान कर देने वाली सच्चाई सामने आई — यहां फंगस भरे, बदबूदार पानी से खांसी की दवा तैयार की जा रही थी। सिरप बनाने में इस्तेमाल होने वाला पानी प्लास्टिक के गंदे डिब्बों में भरा हुआ मिला।
गंभीर सुरक्षा मानकों की खुली पोल
जांच में पाया गया कि एआरसी कंपनी के पास डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की जांच की कोई वैज्ञानिक व्यवस्था नहीं थी। सिरप के फॉर्मूलेशन में गंदगी की जांच का कोई इंतजाम नहीं था। दवाओं को कोल्ड चैन में रखने की मूलभूत व्यवस्था तक नहीं थी। यानी, पूरा उत्पादन तंत्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बच्चों की सेहत से खुला खिलवाड़ कर रहा था।
सरकार एक्शन में — 4 दवाएं बैन, कंपनी सील
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 4 दवाओं को तत्काल बैन कर दिया है। वहीं, ड्रग कंट्रोलर की टीम ने एआरसी फार्मास्यूटिकल कंपनी को सील कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे नेटवर्क की तहकीकात कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मासूमों की मौत और सिस्टम की देरी
सबसे बड़ा सवाल यह है कि फंगस वाले पानी से सिरप बनने की प्रक्रिया महीनों तक चलती रही, और न तो निरीक्षण हुआ, न ही कोई चेतावनी। क्या 17 मासूमों की जान जाने के बाद ही जिम्मेदार विभागों की नींद खुलती रहेगी?